राष्ट्रपति की जगह सांसद अभिजीत ने किया मां भद्रकाली का पूजन
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : हरियाणा के एकमात्र प्राचीन शक्तिपीठ श्रीदेवीकूप भद्रकाली मंदिर
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
हरियाणा के एकमात्र प्राचीन शक्तिपीठ श्रीदेवीकूप भद्रकाली मंदिर में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पूजन के लिए पहुंचने का कार्यक्रम रद होने पर उनके पुत्र सांसद अभिजीत मुखर्जी ने मां का पूजन किया। सांसद अभिजीत मुखर्जी ने श्रीदेवीकूप पर चांदी के घोड़े अíपत किए। उसके उपरांत गर्भ ग्रह में मां भद्रकाली के समक्ष बैठकर मां का श्रृंगार, चोला, प्रसाद ज्योति महामाई को भेंट की।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में शिरकत करने के उपरांत उन्होंने हरियाणा के एकमात्र प्राचीन शक्तिपीठ श्रीदेवीकूप भद्रकाली मंदिर में पूजन के लिए पहुंचना था। एकाएक राष्ट्रपति का दौरा रद हो गया। राष्ट्रपति के पुत्र सांसद अभिजीत मुखर्जी सायं मंदिर में पहुंचे। हालांकि सांसद अभिजीत मुखर्जी ने मंदिर में आयोजित अर्द्धरात्रि चौकी में शिकरत करनी थी। उन्होंने सायं मंदिर में पहुंच कर राष्ट्रपति के लिए तय कार्यक्रम किया। मंदिर में पहुंचने पर उनका विशेष गुलदस्तों से स्वागत किया। मंदिर में पहुंच कर सांसद अभिजीत मुखर्जी ने श्रीदेवकूप पर चांदी के घोड़े अíपत किए। उसके उपरांत गर्भ ग्रह में मां भद्रकाली जी की प्रतिमा के समक्ष बैठकर मां का श्रृंगार, चोला, प्रसाद व ज्योति प्रज्वलित की। उन्होंने मंदिर में पुष्प श्रृंगार का अवलोकन किया। मंदिर के पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा ने राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे उनके पुत्र सांसद अभिजीत मुखर्जी को महिषासुर मर्दनी का दिव्य दर्शन कराने वाला शंख भेंट किया। इसके साथ उन्हें चांदी का मुकुट, मां काली की 10 भुजा पीतल की मूर्ति, मां भद्रकाली का चित्र, मां शक्ति का प्रतीक त्रिशुल, श्रीमछ्वागवत गीता, दुर्गाशप्तसती, लाल चुनरी, खजाना, विशेष पुष्पमाला, पंचमेवा व नैवैद्य प्रसाद स्वरूप भेंट दिया।
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विदेशी फूलों से मंदिर को दिया भव्य रूप
हरियाणा के एकमात्र प्राचीन शक्तिपीठ श्रीदेवीकूप भद्रकाली मंदिर को 11 देशों के 15 प्रकार के फूलों से सजाया गया। ड्राइफूट से मां भद्रकाली मंदिर का नाम लिखा, जिसे देखते ही मन मोहित हुआ। फूलों की सजावट को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु दिन भर मंदिर में पहुंचते रहे।
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मंदिर में रही पूरी सुरक्षा-व्यवस्था
राष्ट्रपति के आगमन के चलते मंदिर में कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था रही। राष्ट्रपति का दौरा रद होने के बाद सुरक्षा में लगे कर्मचारियों की संख्या को कम किया गया। हालांकि उसके उपरांत भी सुरक्षा कर्मी तैनात रहे।