वाहन चोरी का इनामी बदमाश गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : पुलिस की अपराध शाखा-2 ने वाहन चोरी के इनामी बदमाश सरफराज क
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : पुलिस की अपराध शाखा-2 ने वाहन चोरी के इनामी बदमाश सरफराज को गिरफ्तार किया है। उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। आरोपी ने कुरुक्षेत्र, करनाल, देहरादून आदि से लगभग 50 कारें चोरी की थीं। उसे बुधवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
पुलिस अधीक्षक अभिषेक गर्ग ने बताया कि 10 दिसंबर, 2015 को सेक्टर पांच निवासी कृष्ण कुमार ने थाना सदर में शिकायत दर्ज कराई थी कि रात में उसने घर के सामने कार खड़ी की थी। सुबह उसकी कार गायब थी। पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच पुलिस की अपराध शाखा एक को सौंपी थी। अपराध शाखा एक के सहायक उपनिरीक्षक सुरेंद्र कुमार ने 16 अगस्त, 2016 को चोरी की कार खरीदने के आरोपी मुजफ्फरनगर के जामियानगर गेट निवासी इश्तहार और नई आबादी निवासी वकील अहमद को गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि कारें चोरी करने में मुज्जफरनगर के जामिया गेट निवासी सरफराज मुख्य आरोपी है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। पुलिस महानिदेशक ने 20 दिसंबर, 2016 को उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया।
मामले की जांच कर रही पुलिस की अपराध शाखा दो प्रभारी दीपेंद्र राणा, उपनिरीक्षक तरसेम ¨सह, सहायक उपनिरीक्षक राजेंद्र कुमार और मुख्य सिपाही नरेश कुमार की टीम ने चोरी के इनामी आरोपी सरफराज को गिरफ्तार किया।
50 वाहन कर चुका है चोरी
पुलिस की अपराध शाखा एक प्रभारी दीपेंद्र ने बताया कि पूछताछ में सरफराज ने बताया कि उसने लगभग 50 गाड़ियां चोरी की थीं। उनमें से कुरुक्षेत्र से 12, करनाल जिले से 25 और देहरादून से 10 गाड़ियां चोरी की थी। वह अपने साथियों के साथ कार में आता था। यह कार उनके नाम थी। यहां से गाड़ियों को चोरी करने के बाद उसी गाड़ी से पायलट की जाती थी, ताकि रास्ते में कहीं पकड़े न जाएं। वे बड़ी गाड़ियों को ही निशाना बनाते थे। अगर चोरी करते समय किसी गाड़ी का सायरन बज जाता था, तो वह उसे छोड़ देते थे। उसका साथी इश्तहार गाड़ियों के ताले खोलने में माहिर है।
रातोंरात बेच देता था गाड़ियां
सरफराज ने बताया कि वह अपने साथी वकील अहमद और मुजफ्फरनगर के गांधीनगर निवासी समीर के साथ रात में अपनी कार लेकर करनाल और कुरुक्षेत्र एरिया में आता था। वे गाड़ी चोरी कर रात में ही मुज्जफरनगर ले जाते थे और वहां इश्तहार को बेच देते थे। वह लाखों रुपये की गाड़ी को 40-50 हजार रुपये में बेचता था। इश्तहार की मुजफ्फनगर में ही वर्कशॉप है। वह गाड़ियों के अलग-अलग पार्ट कर उन्हें आगे बेच देता था।