कोच का तबादला, कुश्ती हाल पर लगा ताला
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : लाडवा विधायक ने हलके गांव-गांव में अखाड़े खोलकर कुश्ती को नइ
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : लाडवा विधायक ने हलके गांव-गांव में अखाड़े खोलकर कुश्ती को नई पहचान दिलाई है, मगर उनके हलके उमरी गांव में अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवानों को तैयार करने वाले अखाड़े पर ताला लग चुका है। 50 से 60 पहलवान एक सप्ताह से कुश्ती के दावं-पेंच सीख नहीं पा रहे हैं। इसका कारण अंतरराष्ट्रीय कुश्ती कोच शमशेर का तबादला होना है।
उमरी अखाड़े से पहलवान राजेंद्र कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक एवं एशियन गेम्स में रजत पदक जीत चुके हैं। इसके साथ ही अर्जुन अवार्ड भी राजेंद्र को मिला चुका है। शमशेर ¨सह की कमी खिलाड़ियों को खल रही है। उनका तबादला होने के बाद जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग के पास केवल एक कुश्ती कोच रह गया है। जिले में कुश्ती कोच के तीन पद हैं। उनमें एक गुरुनानक सेंटर में कोच खिलाड़ियों को कुश्ती सीखा रहे हैं, तो उमरी में कोच शमशेर ¨सह पहलवान तैयार कर रहे थे। उमरी में आठ से 10 पहलवान राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का दमखम दिखा चुके हैं।
कुश्ती खिलाड़ी दिनेश, ¨रकू, स्वर्ण ¨सह, राजपाल, सोहनलाल और मोंटी का कहना है कि कोच का तबादला होने से उनका अभ्यास प्रभावित हो रहा है। गांव के आसपास क्षेत्र से युवा कुश्ती के गुर सीखने पहुंचे थे। कोच की लगन ही कुश्ती सेंटर में खिलाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ रही थी और युवाओं में कुश्ती के प्रति रुझान भी पैदा हो रहा था। यहां पर अखाड़े एवं आधुनिक तकनीक से कुश्ती का अभ्यास होता है। कोच न होने के चलते उनके पास अखाड़े को ताला लगाने के सिवाय कोई रास्ता नहीं है। शमशेर का कहना है कि उनका तबादला नारनौल हो गया है, वे वहीं अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी राकेश रावत का कहना है कि अभी यह मामला उनके संज्ञान में आया है। उच्चाधिकारियों को इस मामले से अवगत कराया जाएगा।