कृष्णा सर्किट का सजा स्थापना पत्थर बना सेल्फी प्वाइंट
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का अ
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आगमन रद होने के कारण कृष्णा सर्किट प्रोजेक्ट की आधारशिला अधूरी रह गई। राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान ¨सह सोलंकी एवं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आधारिशला का शिलान्यास नहीं किया। पुरुषोत्तमपुरा बाग में गीता यज्ञ में पूर्णाहुति डालकर राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने विधिवत रूप से गीता जयंती महोत्सव की शुरुआत की। महोत्सव की शुरुआत करने के बाद वे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता संगोष्ठी में शिरकत करने के लिए रवाना हो गए। उनके रवाना होते ही पुलिस का सुरक्षा घेरा भी तितर-बितर हो गया। पुलिस के जाते ही आधारशिला के लिए सजाया गया स्थापना पत्थर पर्यटकों के लिए सेल्फी प्वाइंट बन गया। कुछ पर्यटकों ने स्थापना पत्थर के समक्ष खड़े होकर सेल्फी की तो कुछ ने रस्सी खींचकर आधारशिला का शिलान्यास ही कर डाला। पर्यटकों की सेल्फी व आधारशिला की रस्म अदायगी के लिए पर्यटकों की भीड़ बढ़ती जा रही थी, लेकिन उन्हें हटाने के लिए कोई भी पुलिस कर्मी मौजूद नहीं था। जिन पुलिस कर्मी की शिलान्यास पत्थर के पास ड्यूटी थी वे भी धूप सेंकते नजर आए। कार्यक्रम स्थल पर ड्यूटी पर तैनात डीएसपी रवींद्र ¨सह ने बताया कि पर्यटकों को नियंत्रित करने का कार्य लोकल पुलिस का है। उनकी ड्यूटी समाप्त हो चुकी है।
बता दें कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा स्वदेश दर्शन योजना के तहत कृष्णा सर्किट के अंतर्गत कुरुक्षेत्र में महाभारत से संबंधित स्थानों पर पर्यटन की दृष्टि से ढांचागत विकास कार्यों का शिलान्यास राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा करना था। पर्यटन विभाग द्वारा शिलान्यास पत्थर लगाया था। मगर अचानक राष्ट्रपति का दौरा रद होने के कारण शिलान्यास नहीं पाया। स्थापना पत्थर को भव्य रूप से फूलों के साथ सजाया गया था। फूलों की सजावट देखकर पर्यटक अपने आप को रोक नहीं पाए और सेल्फी लेने की होड़ मच गई। देखते ही देखते सेल्फी के लिए पर्यटकों की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई।
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पर्यटकों की समझ से परे सरस्वती मॉडल
सरस्वती हेरीटेज बोर्ड द्वारा सरस्वती उत्थान को लेकर गीता जयंती महोत्सव में मॉडल स्थापित किया गया था। मॉडल का राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया। इस दौरान बोर्ड के सदस्य व अधिकारी मौजूद थे। मगर कुछ ही देर में वे यहां से खिसक गए। पर्यटक जब पुरुषोत्तमपुरा बाग में पहुंचे तो उन्होंने सरस्वती उत्थान को भव्य मॉडल को देखकर इससे जानने की दिलचस्पी दिखाई, लेकिन वहां कोई भी मॉडल के बारे में बताने के लिए मौजूद नहीं था। महोत्सव में पहुंचे जींद से पहुंचे बारू राम व करनैल ¨सह ने बताया कि मॉडल भव्य है, मगर इसकी जानकारी देने के लिए कोई मौजूद नहीं थी, जिससे उनकी समझ में कुछ नहीं आ रहा है।