बम-बम भोले के उद्धोषों के साथ आरंभ हुआ जलाभिषेक
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : बम-बम भोले के उद्धोषों के साथ मंदिरों में सावन माह की शिवरा
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
बम-बम भोले के उद्धोषों के साथ मंदिरों में सावन माह की शिवरात्रि पर जलाभिषेक किया। श्रद्धालुओं ने दूध, दही, गंगाजल, शहद, फल, फूल, बेलपात्र, भांग, दतूरा, आक फूल चढ़ाए। गोमुख, हरिद्वार, ऋषिकेश से कांवड लेकर आए कांवड़ी मंदिरों में पहुंचना आरंभ हो गए। दिन भर कांवड़ी सड़कों पर दौड़ते नजर आए। जिले भर के मंदिरों में पुलिस के जवानों ने सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाल ली है। त्रियोदशी पर जल चढ़ने के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गई। मंदिरों में भंडारों का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
शहर के ऐतिहासिक दुखभंजन महादेव मंदिर, कालेश्वर महादेव मंदिर, स्थाण्वीश्वर महादेव मंदिर, सर्वेश्वर महादेव मंदिर, रत्नदक्ष चिट्टा मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में सावन माह की शिवरात्रि पर सूर्योदय के साथ ही भगवान शिव का अभिषेक आरंभ हो गया। श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का अभिषेक कर उन्हें श्रद्धानुसार प्रसाद भेंट किया और भगवान शिव से सुख-समृद्धि की कामना की। मंदिरों में श्रद्धालओं व कांवड़ियों के लिए जलाभिषेक के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है। कांवड़ लेकर आए कांवड़ी नाचते गाते हुए मंदिरों तक पहुंचे और भगवान शिव का नमन किया। स्थाण्वीश्वर महादेव मंदिर के महंत प्रभात पुरी जी महाराज ने कहा कि श्रावन माह भगवान शिव को अति प्रिय है। इस माह में सच्चे मन से मांगी गई प्रत्येक मनोकामना पूर्ण होती है। भगवान शिव अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। मंदिरों में भंडारों का भी आयोजन हुआ।
संवाद सहयोगी इस्माईलाबाद के अनुसार गांव दर गांव शिव मंदिरों में माथा टेकने वालों का तांता लगा रहा।कांवड़ियों ने गंगा के पवित्र जल से शिव¨लग का जलाभिषेक किया। दिनभर मंदिरों में बम बम भोले शिव शिव भोले के उद्घोष गूंजते रहे। वहीं सभी मंदिरों में पुलिस के जवान तक तैनात रहे। ऐसा पहली बार हुआ कि त्रियोदशी पर जल चढ़ने के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गई।
गोमुख और हरिद्वार से पैदल व डाक कांवड़ लाने वालों ने शिव मंदिरों में जमकर जयकारे लगाए। इसी बीच विधि विधान अनुसार शिव¨लग पर जल अर्पण किया गया। प्राचीन शिव मंदिर में सबसे पहले कांवड़ियों ने जलाभिषेक किया। श्री सनातन धर्म मंदिर प्रबंधक समिति ने कांवड़ियों की सफल यात्रा की सराहना की गई। गुरू गोरख नाथ धाम में भी कांवड़ियों ने गोरख संकेतेश्वर महादेव शिव¨लग पर जलाभिषेक किया। कांवड़ियों ने योगी बाबा नरेश नाथ महाराज का आशीर्वाद लिया। गांव जलबेहड़ा, तंगौली, अजरावर, ठोल सहित सभी गांवों में शिव मंदिर सवेरे से ही श्रद्धालुओं से ठसाठस भर गए।
गांव दबखेड़ी में सावन शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया। जलाभिषेक प्रवीण शर्मा ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की और भगवान शिव का अभिषेक किया। उन्होंने कहा कि भगवान शिव दुखहत्र्ता हैं। हरिद्वार से गंगा जल लाकर शिव का अभिषेक करना भगवान के प्रति सच्ची श्रद्धा है। हरियाणवी कलाकार रमेश कुमार ने भगवान शिव की महिमा का गुणगान किया।
शिवमंदिर कमेटी के प्रधान रिखी राम ने बताया कि गांव में पूरी श्रद्धा के अनुसार शिवरात्रि पर्व मनाया गया है।
संवाद सहयोगी, पिहोवा के अनुसार संगमेर्श्वर धाम अरुणाय में लाखों शिवभक्तों ने भगवान शिव का जलाभिषेक कर पूजा अर्चना की। देर रात से श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्रित होनी शुरु हो गई। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सेवा दल की ने पहले से ही पुख्ता इंतजाम किए, ताकि किसी आने वाले श्रद्धालुओं को किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े। मंदिर के महंत वासुदेव गिरी ने बताया कि प्रत्येक दिन भगवान शिव की उपासना की जा सकती है। उन्होंने बताया कि 31 जुलाई को विशाल शोभा यात्रा निकाली जाएगी। जो मंदिर के प्रागंण से शुरु होकर पिहोवा सरस्वती तीर्थ तक जाएगी। वहीं शहर के आशुतोष महादेव मंदिर, श्रीपृथ्वेर्श्वर महादेव मंदिर व पशुपति नाथ महादेव मंदिर में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
समुद्र मंथन की झांकी होगी विशेष
समुद्र मंथन की झांकी विशेष तौर पर श्रद्धालुओं की आकर्षण का केंद्र रही। जिसे देखकर श्रद्धालु गदगद हो उठे। हर कोई इस झांकी के साथ सेल्फी लेने के लिए ललायित रहा। इस झांकी को तैयार करने के लिए उड़ीसा से आए कारगिर पिछले कई महीनों से काम कर रहे थे।
लगे भंडारे
मेले में आए श्रद्धालुओं के लिए कई संस्थाओं द्वारा भंडारे का अयोजन किया गया था। जिसमें श्रद्धालुओं ने तरह-तरह के पकवानों आनंद लिया। वहीं उपवास रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष रुप से फलाहार का विशेष प्रबंध था।
जमकर हुई खरीददारी
मेले में आए श्रद्धालुओं ने जमकर खरीददारी की। दुकानदारों ने बताया कि यहां लगने वाले मेले के लिए विशेषतौर पर पहुंचे दो दिन पहले ही पहुंच गए थे। उन्होंने यहां पहुंचने पर अच्छी खासी कमाई हुई है। वहीं श्रद्धालुओं के मनोरंजन के लिए झूले आदि का भी लगे हुए थे।
शनिवार दोपहर 12 बजकर 10 मिनट तक शिव पर चढ़ेगा कांवड़
शुक्रवार 21 जुलाई की रात्रि 9 बजकर 52 मिनट से शनिवार दोपहर 12 बजकर 10 तक भगवान शिव पर कांवड़ चढ़ेगा। कांवड़ियों के लिए मंदिरों में अलग से व्यवस्था की गई है। स्वाति ज्योतिष केंद्र के संचालक पंडित बलराज कौशिक का कहना है कि प्रदोष काल में शिव पूजन का विशेष महत्व है। प्रदोष काल 21 जुलाई को सायं सूर्यास्त के बाद 7 बजकर 24 मिनट से 8 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। इस समय भगवान शंकर की पूजा का विशेष महत्व होगा। शनिवार दोपहर तक जलाभिषेक शुभ रहेगा।