अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव शुरू, नहीं हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम
कुरुक्षेत्र में मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी मौजूद थे।
जेएनएन, कुरुक्षेत्र। अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने शुभारंभ किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री मनाेहरलाल भी मौजूद थे। पहले इसका शुभारंभ राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को करना था, लेकिन तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के कारण उनका दौरा रद हो गया। महाेत्सव में राष्ट्रीय शोक के कारण सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया।
राज्यपाल ने पुरुषोतमपुरा बाग में पवित्र ग्रंथ गीता के पूजन और गीता यज्ञ में आहुति डालकर महोत्सव का शुभारंभ किया। इस माैके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी श्री मद् भागवत गीता महोत्सव का पूजन किया और यज्ञ में आहुति डाली। महाेत्सव में कई देशाें के प्रतिनिधि मौजूद हैं। महोत्सव के मद्देजनर शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
गीता जयंती महोत्सव के शुभारंभ पर आयोजित यज्ञ का दृश्य।
महोत्सव का शुभारंभ करने के बाद राज्यपाल ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ऑडीटोरियम हाल में अंतरराष्ट्रीय गीता सेमीनार का शुभारंभ किया। प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी सेमीनार के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की और मुख्यमंत्री मनोहर लाल इसके विशिष्ट अतिथि थे। इस अवसर पर राज्यपाल ने गीता के महत्व पर प्रकाश डाला और इसे संपूर्ण जीवन दर्शन बताया।
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गीता का संदेश पूरे संसार और मानवता के लिए प्रासंगिकता है। यह पूरे मानव जाति को दिशा दिखाता है। गीता के संदेश को अपने जीवन में अंगीकार हम इसे सफल बना सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरस्वती के तट पर उपनिषदों को लिखा गया और धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने विश्व को मानवता का संदेश दिया। गीता में प्रत्येक श्लोक मानव का कल्याण करने के लिए है। विश्व के 25 देशों में ग्लोबल चैटिंग द्वारा गीता का संदेश दिया जाएगा।
देखें तस्वीरें : यज्ञ के साथ अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का आगाज
नाडा से आए भाई सतपाल सिंह ने कहा कि गीता केवल हिंदुओं का ग्रंथ नहीं है, यह विश्व व्यापी ग्रंथ है। पूरी गीता में कहीं भी हिंदू शब्द का प्रयोग नहीं हुआ, बल्कि मानव शब्द का भी प्रयोग नहीं किया गया । इसका अर्थ है कि यह हर जीव जंतु के लिए है और पूरे विश्व के लिए भगवान का दिया हुआ संदेश है।
गीता हिदायत, इल्म और रहमत है और सभी मजहब के लिए है : मौलाना कौकब मुस्तबा
धर्म गुरु मौलाना कौकब मुस्तबा ने कहा कि गीता पवित्र ग्रंथ है। जो भगवान श्रीकृष्ण द्वारा कहे गए श्लोकों का संग्रह है। श्रीकृष्ण द्वारा बोला गया एक-एक लफ्ज इतना बड़ा है कि अगर उसे सोचा जाए तो पूरी उम्र लग जाएगी। उन्होंने कहा कि यह ग्रंथ किसी एक मजहब की नहीं है, यह हिदायत है, इल्म है और रहमत है। अगर हम इससे कुछ लेना चाहें तो इसके देने में कोई कमी नहीं है।
गीता जयंती महोत्सव के अवसर पर आयोजित सेमीनार को संबोधित करते मुख्यमंत्री मनोहर लाल।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कुरुक्षेत्र गीता जयंती समारोह में महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को शामिल होना था, लेकिन जयलिलता के निधन के चलते उनका दौरा रदद् हाे गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जयललिता का निधन बड़ी राजनीतिक क्षति है। उन्हें इसका बेहद दुख है। राष्ट्रीय शोक होने के चलते महोत्सव में होने वाले कार्यक्रम आज आयोजित नही किएं जाएंगे बाकि गतिविधियां यथावत रहेंगी।
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मंत्रोच्चार के बीच शुरू हुआ महोत्सव
राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने देश के 574 जिलों से आए प्रतिनिधियों के साथ फोटो खिंचवाया। इसके बाद मंत्रोच्चारण के बीच ब्रह्मसरोवर और पवित्र ग्रंथ गीता पूजन किया गया। राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने गीता ज्ञान संस्थानम माडल का अवलोकन किया।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष कंवरपाल गुर्जर, वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु, कृषि मंत्री ओपी धनखड़, नगर निकाय मंत्री कविता जैन, शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा, परिवहन मंत्री कृष्णपाल पंवार व सांसद राजकुमार सैनी प्रमुख रूप से मौजूद थे।