सच के बराबर कोई दूसरा तप नहीं : गौरव मुनी महाराज
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : तपस्या का महत्व और धर्म को बचाने के लिए भगवान का अवतार लेना, इस
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : तपस्या का महत्व और धर्म को बचाने के लिए भगवान का अवतार लेना, इस पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालकर कथावाचक गौरव मुनी महाराज (वृंदावन वाले) ने वातावरण को कृष्णमय बना दिया। वे श्री ब्रह्मपुरी अन्न क्षेत्र आश्रम ट्रस्ट परिसर में श्राद्धपक्ष के उपलक्ष्य में जनकल्याणार्थ श्री मद्भागवतकथा में प्रवचन कर रहे थे। कथा के चौथे दिन उन्होंने वामन अवतार, श्रीराम एवं श्रीकृष्ण जन्म की कथा विस्तार से सुनाई। आश्रम के स्वामी चिरंजीपुरी महाराज के सान्निध्य में मुख्य यजमान मित्तल परिवार (दनौदा वाले) ने भागवत पूजन में भाग लेकर कथावाचक गौरव मुनी महाराज (वृंदावन वाले) को तिलक लगाया। स्वामी चिरंजीपुरी महाराज ने श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में कथा श्रवण करें। प्रवचनों में कथावाचक ने कहा कि आज के भौतिकवादी युग में लोगों में परस्पर ईष्या, द्वेष, क्रोध व एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगी रहती है। याद रखो, ईष्र्यालु व्यक्ति अपने जीवन में कभी तरक्की नहीं कर सकता। झूठा आदमी सच से बहुत घबराता है कि कहीं उसकी पोल न खुल जाए। सच की राह पर चलना कठिन कार्य है और झूठ कुछ समय के लिए होता है। सच हमेशा मौजूद रहता और इसे आज तक कोई नहीं छिपा सका। संतों ने कहा कि सच के बराबर कोई दूसरा तप नहीं है। सच्चाई कभी नहीं मरती, बल्कि किसी न किसी रूप में स्वयं ही प्रकट हो जाती है। इसलिए व्यक्ति को सदैव सच बोलना चाहिए। कथा के बीच-बीच में गायक गुरबचन ¨सह, अशोक कुमार और शिवि कश्यप द्वारा सुनाए गए भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे। भागवत आरती में ईश्वर दास मित्तल, रघुवीर प्रसाद, रामकरण मित्तल, ललित मित्तल और विजय मित्तल सहित अन्य शामिल रहे।