पंच को थप्पड़ मारने के मामले ने पकड़ा तूल
संवाद सहयोगी, पिपली : ग्राम पंचायत में महिला पंच द्वारा पुरुष पंच को थप्पड़ मारने का मामला तूल पक
संवाद सहयोगी, पिपली : ग्राम पंचायत में महिला पंच द्वारा पुरुष पंच को थप्पड़ मारने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। महिला पंच के खिलाफ ग्राम पंचायत के 12 पंच व ब्लॉक समिति सदस्य ने लामबंद हो गए हैं। वहीं महिला पंच ने भी दो पंचों के खिलाफ सीएम ¨वडो व पुलिस अधीक्षक को शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई है। दूसरी ओर पंचों ने धमकी दी है कि महिला पंच के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो सामूहिक रूप से इस्तीफा देंगे। पंचों ने इस मामले में उपायुक्त को ज्ञापन भी सौंपा है।
सोमवार को वार्ड नंबर-16 से पंच मान ¨सह, वार्ड नंबर-2 से नरेश कुमार, वार्ड नंबर-7 से कुल¨वद्र ¨सह, वार्ड नंबर-5 से गुलशन कुमार, वार्ड नंबर-6 से विपिन कुमार, वार्ड नंबर-2 से शांता देवी, वार्ड नंबर-20 से कर्ण कौर, वार्ड नंबर-05 से सुषमा देवी, वार्ड नंबर-19 से संतोष कुमारी, वार्ड नंबर-15 से सुषमा रानी, वार्ड नंबर-13 से ¨पकी, वार्ड नंबर-14 से सोनिया शर्मा और वार्ड नंबर-5 से ब्लाक समिति सदस्य रुचिका राणा ने उपायुक्त को सौंपी शिकायत में महिला पंच के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। शिकायत में बताया गया कि 23 अगस्त को पिपली ग्राम पंचायत की बैठक के दौरान महिला पंच मीनू ने बिना किसी बात कि पुरुष पंच गुलशन कुमार को दो थप्पड़ मार दिए। इस मामले को लेकर गुलशन कुमार ने उपायुक्त सुमेधा कटारिया व थाना सदर पिपली में शिकायत दर्ज करवाई थी। जिन पंचों ने थप्पड़ मारने का विरोध जताया था, अब मीनू ने उन पंचों के खिलाफ शिकायत दे दी है। साथ में उन्हें झूठे मामले में फंसाने की धमकी दे रही है, जिससे ग्राम पंचायत सदस्यों में भय का माहौल है।
जांच जारी
जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी कपिल शर्मा ने कहा कि थप्पड़ मारने के मामले की जांच जारी है। पहली शिकायत के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर उपायुक्त सौंपी जा चुकी है। सोमवार को जो शिकायत की गई है, उनके संज्ञान में नहीं है।
मेरे खिलाफ रची जा रही है साजिश
ग्राम पंचायत पिपली से वार्ड नंबर-3 से पंच मीनू ने बताया कि पंचों द्वारा उसके खिलाफ साजिश रची जा रही है। उसके खिलाफ गलत प्रचार किया जा रहा है, जिससे वह काफी दुखी है। महिला पंच होने के नाते उसके विरोधी ज्यादा हैं। सरकार महिलाओं की हितैषी बनने का दावा कर रही है, लेकिन उसकी शिकायत पर अभी तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। प्रशासन यदि उसकी शिकायत पर कोई संज्ञान नहीं देता है तो वे न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगी।