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अवाम को जोड़कर दीपों को बदलना होगा अखंड जोत में : कटारिया

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : उपायुक्त सुमेधा कटारिया ने कहा कि वीर शहीदों के नमन करन

By Edited By: Published: Fri, 28 Oct 2016 01:16 AM (IST)Updated: Fri, 28 Oct 2016 01:16 AM (IST)
अवाम को जोड़कर दीपों को बदलना होगा अखंड जोत में : कटारिया

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : उपायुक्त सुमेधा कटारिया ने कहा कि वीर शहीदों के नमन करने के लिए जो दीया प्रज्वलित किया गया है, उसे अवाम को अखंड जोत में बदलना होगा। जो जज्बा वीर जवान सीमा पर दिखाते हैं, उसी जज्बे को अवाम आगे बढ़ाने के लिए कानून की पालन कर आगे बढ़ाना होगा। वीर सैनिक जिस तरह सीमा पर दिन-रात डटे हुए हैं, उसी तरह उनकी सलामती एवं शहीदों के परिजनों को एकाग्र मन से नमन करना होगा।

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वे दैनिक जागरण की ओर से प्रेरणा वृद्धाश्रम में एक दीया शहीदों के नाम नमन कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रही थी। यह कार्यक्रम लायंस क्लब, प्रेरणा, रोट्रैक व ब्लिस संस्था के सहयोग से आयोजित किया गया था। उन्होंने शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित किए और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

उन्होंने कहा कि शहीदों को नमन करना संवेदनाओं से भरा हुआ है, इन संवेदनाओं को देशभक्ति के भाव में बदलने की जरूरत है। दीपावली के पावन पर्व पर एकाग्र होकर जिला प्रशासन एवं सभी जनता शहीदों को नमन करती है। प्रत्येक तीज-त्योहार पर शहीदों को नमन करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि तीज-त्योहार पर अपने की कमी को उनके परिजन ही महसूस कर सकते हैं। देश के लिए बलिदान देकर जो गौरवांतित कार्य किया है, उसको शत-शत नमन है। शहीदों में देश सेवा के प्रति समर्पित भाव उनके परिजनों से ही आया है, परिजनों ने देश भक्ति का जो भाव पैदा किया है, उससे ही देश की जनता खुली हवा में सांस ले रही है और प्रत्येक व्यक्ति सिर उठाकर जी रहा है। हम त्योहारों को खुशी से मनाते हैं और मिठाई बांटते हैं, यह वीर सैनिकों की बदौलत ही संभव है।

उन्होंने कहा कि देश सेवा का जज्बा वीर जवान सीमा पर दिखा रहे हैं, यही जज्बा आम जनता भी दिखा सकती है। शहीदों को नमन करने के लिए जो दीया जलाया गया है, उसे अखंड जोत में बदलना होगा और पूरे वर्ष शहीदों को नमन करने का सिलसिला थमना नहीं चाहिए। दैनिक जागरण की ओर से शहीदों के परिजनों को सम्मानित कर अनूठी पहल की है। वर्तमान में इस पहले को आगे बढ़ाने के लिए सामाजिक संस्थाओं को आगे आना चाहिए ताकि शहीदों व उनके परिजनों का सम्मान बरकरार रहे। सामाजिक संस्थाओं को शहीदों के परिजनों की सहायता करने के लिए तन-मन-धन से आहुति डालनी होगी, तभी शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि सार्थक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि दीपों की इस अखंड जोत के साथ आमजन को जोड़ना है, ताकि सभी सच्चे मन से शहीदों को नमन कर उन्हें याद करें।


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