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ज्योतिसर में गड्डा भरने गए अधिकारियों को खदेड़ा

By Edited By: Published: Fri, 18 Apr 2014 08:01 PM (IST)Updated: Fri, 18 Apr 2014 08:01 PM (IST)
ज्योतिसर में गड्डा भरने गए अधिकारियों को खदेड़ा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र

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गीता की जन्मस्थली ज्योतिसर तीर्थ पर भगवान श्रीकृष्ण की विराट मूर्ति को स्थापित करने के लिए ग्रामीणों द्वारा खोदे गए गड्डे को भरने के लिए जाना कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के अधिकारियों को महंगा पड़ गया। ग्रामीण महिलाओं ने जब कर्मचारियों को गड्डे को भरते देखा तो उन्होंने विरोध जताना शुरू कर दिया। अधिकारी जब नहीं माने तो लाठियां उठा लीं और अधिकारियों को मौके से भागने पर मजबूर होना पड़ा। महिलाओं ने तीर्थ स्थल से बाहर निकलने तक अधिकारियों का पीछा किया।

पिछले काफी समय से गांव ज्योतिसर में स्थित तीर्थ पर भगवान कृष्ण की विराट रूप की मूर्ति स्थापित करने को लेकर विवाद चल रहा है। तीर्थ का मालिकाना हक के लिए पहले जहां इस्कॉन और तीर्थ कमेटी के बीच न्यायालय में मामला चला था। इसमें इस्कॉन न्यायालय में हार गया था और न्यायालय ने कमेटी को प्रशासन की देखरेख में काम करने का फैसला दिया था।

इस फैसले के बाद ग्रामीणों ने पिछले वर्ष विराट मूर्ति स्थापना के लिए गड्डा खोद दिया था। उस समय भी केडीबी ने इस पर विरोध जताया था, क्योंकि जिला उपायुक्त के निर्देशों के साथ ही वहां कार्य करना था। उस समय तात्कालीन एसडीएम ने भी मौके पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे। शुक्रवार को गड्डा भरने के लिए केडीबी की टीम मौके पर पहुंच गई।

केडीबी के कार्यालय सचिव राजीव शर्मा की अगुवाई में कर्मचारियों ने गड्डा भरने का कार्य शुरू कर दिया। इसकी भनक ग्रामीणों को लगते ही महिलाएं एकत्रित होना शुरू हो गईं। काफी संख्या में महिलाओं के आने के बाद उन्होंने इसका विरोध शुरू कर दिया, लेकिन अधिकारियों ने कार्य को बंद नहीं किया और गड्डे के आसपास गायों के लिए बोया गया घास भी उखाड़ दिया। इससे महिलाएं भड़क गईं और उन्होंने अधिकारियों का खरी-खोटी सुनानी शुरू कर दी। महिलाओं का कहना है कि गेहूं की कटाई का कार्य शुरू होने के कारण पुरुष खेतों में व्यस्त हैं और केडीबी ने इसी का फायदा उठाते हुए यह कार्रवाई की है। जबकि ग्रामीणों ने यहां विराट मूर्ति स्थापना का फैसला कई वर्ष पहले लिया था। इसको लेकर कोर्ट में भी मामला चला और ग्रामीण जीते थे। अब केडीबी गलत तरीके से ग्रामीणों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है।

महंत चंद्रा देवी ने बताया कि तीर्थ की जगह है जबकि विकास बोर्ड बेवजह इस पर अपना हक जता रहा है। उच्च न्यायालय ने तीर्थ कमेटी को उपायुक्त की देखरेख में काम करने के निर्देश दिए थे। जबकि भूमि भी पंचायत की है। पंचायम सदस्य ईश्वर सिंह ने बताया कि यह खसरा नंबर 146-47 पंचायती भूमि का है, जिसमें विराट प्रतिमा बनाई जा रही है।

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ग्रामीणों को कुछ स्वार्थी

लोग बहका रहे

केडबी के कार्यालय सचिव राजीव शर्मा ने बताया कि वे रूटीन जांच पर गए थे। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को कुछ स्वार्थी लोग बहका कर बेवजह का विवाद खड़ा कर रहे हैं। जब कोर्ट ने गीता जन्म स्थली पर यथा स्थिति बनाने के आदेश दिए हैं ऐसे में वहां किसी प्रकार का निर्माण नहीं कराया जा सकता।


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