तेज हवा ने बिगाड़ा खेल, गिरी गेहूं की फसल
जागरण संवाददाता, करनाल : मौसम में बदलाव का दौर जारी है। पिछले दिनों में गर्मी को देखते हु
जागरण संवाददाता, करनाल : मौसम में बदलाव का दौर जारी है। पिछले दिनों में गर्मी को देखते हुए तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। तेज हवा से एक बार फिर ठंड का अहसास हुआ है। हवा के कारण गेहूं उस फसल को नुकसान का अंदेशा जताया जा रहा है जिसमें ¨सचाई की गई है। गेहूं की फसल में बालियां आ चुकी हैं, पौधे पर वजन बढ़ गया है।
जमीन की सतह ¨सचाई के कारण नरम हो गई है और तेज हवा चलने के कारण गेहूं का पौधा टिक नहीं पाया, जिससे क्षेत्र की काफी गेहूं की फसल गिरी है। गेहूं उत्पादन में इसका कुछ फीसद नुकसान होने का भी अनुमान जताया जा रहा है। कृषि विभाग के पूर्व तकनीकी अधिकारी डॉ. एसपी तोमर ने कहा कि किसान इन दिनों गेहूं की फसल में पानी ना दें, तेज हवा के झोंके से फसल गिरनी संभव है। मौसम का हिसाब देखकर ही ¨सचाई का कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि हालांकि अभी तक कोई ज्यादा नुकसान की संभावना नहीं है, जिन्होंने ¨सचाई की हुई थी वही फसल गिरी है।
शुक्रवार को अधिकतम तापमान 23.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। वहीं न्यूनतम तापमान 9.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। नमी की मात्रा अभी भी कम है। सुबह के समय नमी की मात्रा 77 फीसदी दर्ज की गई, जो शाम के समय घटकर महज 38 फीसदी रह गई। हवा के दबाव में कमी आई है। सुबह हवा का दबाव 7.6 फीसदी था जो शाम तक घटकर 7.0 फीसदी तक पहुंच गया। हवा औसतन 12 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली। जिस कारण गेहूं की फसल बिछ गई। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक आने वाले 24 घंटे में मौसम साफ रहेगा। ठंडी हवा चलेगी।
अभी ¨सचाई की तो झेलना पड़ेगा नुकसान
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि जिस प्रकार से तेज गति से हवा चल रही है उससे किसानों को भी सतर्क रहने की जरूरत है। मौसम के अनुसार ही किसान गेहूं की फसलों में पानी देना सुनिश्चित करें। यदि अभी फसलों में पानी दिया तो गिरनी संभव है। गेहूं उत्पादन पर काफी असर पड़ सकता है। हवा मंद होने के बाद ¨सचाई करें।