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कागजों में शिफ्टिंग, सड़कों पर रेहड़ियां

जागरण संवाददाता, करनाल शहर को जाम से मुक्त बनाने की योजनाओं पर आज तक लाखों रुपये पान

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Sep 2017 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 19 Sep 2017 03:00 AM (IST)
कागजों में शिफ्टिंग, सड़कों पर रेहड़ियां
कागजों में शिफ्टिंग, सड़कों पर रेहड़ियां

जागरण संवाददाता, करनाल

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शहर को जाम से मुक्त बनाने की योजनाओं पर आज तक लाखों रुपये पानी की तरह बहा दिए गए। दुर्भाग्य से परिणाम हर बार शून्य रहा। योजना में खामी थी या फिर उसे लागू करने में अधिकारी नाकाम रहे नगर निगम जाने। ऐसा ही एक अच्छे दिनों की योजना थी रेहड़ी शि¨फ्टग की। 35 लाख रुपये खर्च करने के बावजूद यह पायलेट प्रोजेक्ट दम तोड़ गया। सपने बड़े दिखाए पर हकीकत में कुछ खास नहीं कर पाए। काछवा व कैथल पुल के नीचे इंटरलॉ¨कग टाइल लगाकर तीन वार्डो में सड़क पर लगी रेहड़ियों व फड़ियों को यहां शिफ्ट करने का प्लान था। दावा था कि इसके बाद शहर की अन्य रेहड़ियों व फड़ियों को भी इसी तर्ज पर शिफ्ट किया जाएगा, लेकिन पहले चरण में 120 रेहड़ियों को काछवा पुल के नीचे शिफ्ट करने में ही नगर निगम हांफ गया। 30 नवंबर 2015 को अधूरी तैयारियों के साथ प्रयास के बाद आज तक पायलेट प्रोजेक्ट अधर में लटका है। वार्ड 17, 18 व 19 से शुरू हुई योजना शुरुआत में ही फ्लॉप हो गई। इसे सिरे चढ़ाने के लिए नगर निगम ने कई बार तेवर तल्ख किए। लेकिन हर बार बैकफुट पर आना पड़ा। रेहड़ियां व फड़ियां आज भी सड़कों व फुटपाथ पर ही सजती हैं।

इसलिए लटका प्रोजेक्ट

शहर की सरकार सड़कों पर खड़ी रेहड़ियों व फड़ियों को हटाकर लोगों को जाम से मुक्ति दिलाना चाहती थी। रेहड़ी संचालकों को भी हर महीने 50 रुपये की मामूली फीस देकर मूलभूत सुविधाओं से लैस जगह अलॉट की गई। जबकि इससे कई गुना ज्यादा राशि वह हर महीने दुकानदारों को देते हैं। पुल के नीचे बनाई जगह पर सेल कम होने से स्मार्ट योजना फ्लॉप हो गई।

319 रहेड़ी संचालकों को अलॉट की थी जगह

कैथल व काछवा पुल के नीचे कुल 367 रेहड़ी संचालकों के लिए जगह है। टाउन वें¨डग कमेटी ने ड्रॉ के माध्यम से कैथल पुल के नीचे वार्ड नंबर 17 व 18 के 117 रेहड़ी संचालक को जगह दी थी। काछवा पुल के नीचे कुल 250 रेहड़ी संचालकों के लिए स्थान है। शुरुआत में यहां वार्ड-19 के 120 रेहड़ी संचालकों को जगह अलॉट की गई। इसके बाद 21 मार्च 2016 को ?82 रेहड़ी संचालकों को नगर निगम कार्यालय में ड्रा के माध्यम से काछवा पुल के नीचे जगह अलॉट की। दोनों पुलों के नीचे 319 स्थाई रेहड़ी संचालकों को दुकान के लिए जगह दी गई थी।

र्वजन

रेहड़ी-फड़ी शिफ्ट करने की योजना दुकानदारों के हित के लिए बनाई गई थी। रेहड़ी संचालकों को समर्थन करना चाहिए था, लेकिन वह विरोध में उतर आए। निगम कई बार प्रयास कर चुका है। इस योजना को सिरे चढ़ाने पर निगम विचार कर रहा है।

धीरज कुमार, ईओ, नगर निगम, करनाल


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