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बेगमपुर के सरकारी स्कूल को बंद करने की तैयारी में पंचायत

संवाद सहयोगी, घरौंडा शिक्षा विभाग और शिक्षकों की लापरवाही के कारण बेगमपुर गांव क

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 May 2017 03:00 AM (IST)Updated: Sun, 28 May 2017 03:00 AM (IST)
बेगमपुर के सरकारी स्कूल को बंद करने की तैयारी में पंचायत
बेगमपुर के सरकारी स्कूल को बंद करने की तैयारी में पंचायत

संवाद सहयोगी, घरौंडा

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शिक्षा विभाग और शिक्षकों की लापरवाही के कारण बेगमपुर गांव का सरकारी स्कूल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। कई बार विभागीय अधिकारियों से शिकायतें की जा चुकी हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से खिन्न ग्राम पंचायत ने स्कूल को बंद करने की तैयारी कर ली है। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों व स्टाफ की लापरवाही के चलते स्कूल की बि¨ल्डग जर्जर हो चुकी है। छात्रों को खतरा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन ने मिड-डे मील व बि¨ल्डग निर्माण में लाखों रुपये की धांधली की है। ग्राम पंचायत भी कई बार विभाग के उच्च अधिकारियों को स्कूल की शिकायत की चुकी है। पंचायत ने राजकीय प्राइमरी व मिडिल स्कूल में बिजली पानी, शौचालयों व सोलर इंवर्टर जैसी तमाम सुविधाएं दे रखी हैं। लेकिन शिक्षकों की लापरवाही के चलते स्कूल बदहाल हो चुका है। सरकारी अधिकारी स्कूल की बि¨ल्डग को जर्जर घोषित कर चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद भी खस्ताहाल कमरों में क्लास लगाई जा रही हैं। छात्र कभी भी किसी बड़े हादसे का शिकार हो सकते हैं। वर्ष 2010-11 में स्कूल में बनाई गई बि¨ल्डग भारी अनियमित्ताओं के चलते विभाग द्वारा आज तक पास नहीं की गई।

आनन-फानन में खोले शौचालयों के ताले

स्कूल के करीब 150 छात्रों के लिए 9 टायलेट बनाए गए हैं, लेकिन अध्यापकों ने शौचालयों पर ताले लगा रखे हैं। ग्राम सरपंच का कहना है कि पंचायत ने छात्र संख्या के अनुसार पर्याप्त शौचालय बनाए हैं। लेकिन जब स्कूल के अध्यापक टॉयलेट पर ताले लगाकर रखेंगे तो छात्र मजबूरन खुले में शौच करेंगे। स्कूल हेड से पूछा गया तो आनन-फानन में शौचालयों पर लगे ताले खोले गए। छात्रों द्वारा खुले में शौच किए जाने पर सवाल पूछे जाने पर हेड टीचर विजय कुमार ने गलती स्वीकारते हुए भविष्य में टॉयलेट्स की तालाबंदी नहीं करने का आश्वासन दिया है।

पौष्टिक भोजन के नाम पर केवल नमकीन चावल

ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल हेड मिड-डे मील में हेराफेरी करते हैं। ग्रामीण मनोज रानी व सुनीता ने बताया कि शिक्षा विभाग के नियम के अनुसार भोजन गैस चूल्हे पर बनाया जाना चाहिए। लेकिन यहां मिड-डे मील का भोजन लकड़ी व उपलों के चूल्हे पर तैयार किया जाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि भोजन की गुणवत्ता भी मिड-डे मील के मेन्यू के अनुसार नहीं होती। मिड-डे मील इंचार्ज हर रोज नमकीन चावल या आलू चावल ही बच्चों को परोसते हैं। स्कूल हेड विजय कुमार ने बताया कि उनके पास गैस चूल्हा उपलब्ध नहीं है। इसलिए खाना चूल्हे पर बनाया जाता है, लेकिन भोजन मेन्यू के मुताबिक ही बनाया जा रहा है। गैस चूल्हे के लिए विभाग को डिमांड भेज रखी है।

शिकायत करने पर सुसाइड की धमकी

सरपंच प्रतिनिधि विकास कुमार का आरोप है कि स्कूल के बारे में शिकायत करने पर टीचर उन्हें सुसाइड करने की धमकी देते हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी स्कूल हेड को मेंटली डिस्टर्ब बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं। सरपंच का कहना है कि स्कूल की खामियों को लेकर वे खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी से लेकर जिला शिक्षा अधिकारी तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ। बीते माह जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल का दौरा किया था। लेकिन उनके आदेशों की भी पालना स्कूल हेड ने नहीं की। सरपंच का कहना है कि स्कूल की शिकायतों को देखते हुए भाजपा निगरानी कमेटी के अध्यक्ष क¨वद्र राणा ने भी शिक्षा विभाग को स्कूल की दशा ठीक करने को कहा था, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई।

पंचायत खोलेगी अपना निजी स्कूल

ग्राम पंचायत ने गांव का सरकारी स्कूल बंद करने का फैसला किया है। विकास कुमार ने बताया कि गांव का सरकारी स्कूल बंद करने की योजना बना ली गई है। ग्राम पंचायत एनजीओ की मदद से गांव में निजी स्कूल खोलेगी, ताकि सरकारी स्कूल के छात्रों को अच्छी शिक्षा दी जा सके। साथ ही पंचायत द्वारा खोले जाने वाले इस स्कूल में गरीब परिवारों के छात्रों को खास रियायतें व सुविधाएं दी जाएगी।

वर्जन

स्कूल हेड विजय राठी ने माना कि शौचालयों पर तालाबंदी करने की गलती हुई है और भविष्य में इसका ख्याल रखा जाएगा। चौकीदार के लापरवाही के कारण बि¨ल्डग की छत पर जलभराव हुआ। इससे ईमारत में दरारें आई हैं। चौकीदार को वार्निंग दी गई है।


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