सुनो लो, ये महिलाएं एमरजेंसी में भी पहुंचा देती हैं
जोगिया द्वारे द्वारे जागरण संवाददाता, करनाल महिला सशक्तिकरण को लेकर लगातार दावे सामने
जोगिया द्वारे द्वारे
जागरण संवाददाता, करनाल
महिला सशक्तिकरण को लेकर लगातार दावे सामने आते हैं। उदाहरण पेश किए गए जाते हैं। समाज में बढ़ती महिलाओं की भागीदारी की ओर ध्यान इंगित किया जाता है। अलबत्ता एक ऐसा वाक्या बताते हैं, जो वास्तव में महिलाओं को कमजोर समझने वालों के लिए आंखे खोलने वाला है। महिला दिवस के दिन रात के समय कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज के ट्रामा सेंटर में जाना हो गया। ट्रामा सेंटर के बाहर हलचल थी। कुछ ही देर में समझ आ गया कि कोई मारपीट का मामला आया है। सेंटर के बाहर दो महिलाएं तल्ख तेवरों के साथ बैठी थी। उन्हें देखकर लग रहा था कि यह मारपीट के मामले में आई है। उनसे पूछा गया कि क्या मामला हो गया। उन्होंने कहा ज्यादा कुछ नहीं मारपीट हो गई थी। मैंने पूछा चोट कहां लगी। उनके साथ और कौन आया है। उन्होंने जवाब दिया कि वह ठीक हैं, लेकिन उनके साथ मारपीट करने वाले एमरजेंसी में है। यह सुनकर थोड़ा आश्चर्य हुआ, लेकिन एमरजेंसी में उन दो लोगों के इलाज में डाक्टर जुटे थे। यह देखकर लगा कि महिलाएं कितनी सशक्त हो गई। खैर महिलाओं के साथ ऐसा बर्ताव कतई नहीं करना चाहिए कि एमरजेंसी तक जाने की नौबत आ जाए।
ये गजब है जोड़ी, छोटे जनाब काट करने में देर नहीं लगाते
बडे़ मियां और छोटे मियां की जोड़ी शहर में बरसों से प्रसिद्ध है। एक जमाने में बडे़ मियां केंद्र में ओहदा रखते थे तो छोटे मियां प्रदेश सरकार में। वक्त बदलने के साथ पद ने साथ छोड़ दिया, लेकिन इन दोनों की जोड़ी कायम है। लेकिन जोड़ीदार छोटे मियां कहीं कहीं बडे़ मियां की चुस्की ले जाते हैं। कुछ दिनों पहले की बात है बात। होली मिलन के एक समारोह में यह जोड़ी आई। बड़े मियां ने मंच से अच्छा-अच्छा लिखने और लेखन में सकारात्मकता रखने की नसीहत दी। उनका वक्तव्य खत्म होने के बाद छोटे मियां गले मिलते हुए बोले, बताओ अच्छा ही लिखेंगे तो पूछेगा कौन। नाम बनाने के लिए कुछ मसाला लगाकर लिखना भी जरूरी है। बडे़ मियां की तुरंत काट जोड़ीदार से सुनकर आसपास के लोग भी हंस दिए।
यज्ञ प्रश्न बना आखिर नोडल अधिकारी कौन
काछवा गांव को प्रशासन ने कैशलेस बनाने का दावा किया। इस कार्य के लिए बकायदा नोडल अधिकारी भी बनाया गया था। खैर अभी गांव के कैशलेस होने की बात तो दूर है और अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं है कि नोडल अधिकारी कौन है। यह जानने के लिए जिले के सबसे बडे़ अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह कार्य करनाल उपमंडल के अधिकारी देख रहे हैं। उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह कार्य नगराधीश देख रहे हैं। उनसे बात की गई तो वह बोले कि और कई गांव उनके पास हैं और इस गांव का काम उनके पास नहीं है। अब बताओ गांव कैशलेस बनाना और यह पता नहीं है कि इसकी जिम्मेदारी किस अधिकारी के पास है।