अब सबूत के आधार पर होगा बिजली चोरी का मामला दर्ज
जागरण संवाददाता, करनाल : बिजली चोरी रोकने के लिए बिजली निगम ने नियमों में बदलाव किया है।
जागरण संवाददाता, करनाल : बिजली चोरी रोकने के लिए बिजली निगम ने नियमों में बदलाव किया है। अब से पहले बिजली चोरी रोकने के लिए निगम छापामार कार्रवाई करता रहा है। मौके पर बिजली चोरी होती हुई पकड़ी गई तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होती है, लेकिन अब विभाग छापामारी के अलावा ठोस सबूत के आधार पर भी संबंधित व्यक्ति के खिलाफ बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज करा सकता है। सबूत में बिजली चोरी का वीडियो और फोटोग्राफ ऐसा होना चाहिए, जिसमें यह स्पष्ट हो जाए कि बिजली की मुख्य सप्लाई से संबंधित व्यक्ति के घर में बिजली तार मीटर को बाईपास कर जा रहा है। ठोस सबूत को आधार मानकर निगम संबंधित व्यक्ति के खिलाफ बिजली चोरी का मामला दर्ज कर सकता है। निगम सूत्रों के मुताबिक कुछ माह पहले इसमें ऐसा प्रावधान किया गया है। निगम का कहना है कि जिले में लाइन लॉस को काम करने के लिए इस प्रकार की व्यवस्था की जा रही है। बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
वर्ष 2016-17 में बिजली चोरी के मामले
डिवीजन का नाम बिजली चोरी के केस कितना जुर्माना किया कितना वसूला
सिटी सब डिवीजन 194 85 लाख 48 लाख
एमटी सब डिवीजन करनाल 307 1.39 करोड़ 51 लाख
नेवल सब डिवीजन 324 94 लाख 51 लाख
सब अर्बन सब डिवीजन करनाल 338 2.01 करोड़ 1.32 करोड़
रामनगर करनाल 215 68 लाख 34 लाख
तरावड़ी सब डिवीजन 811 1.90 करोड़ 1.17 करोड़
नीलोखेड़ी सब डिवीजन 326 95 लाख 65 लाख
इंद्री सब डिवीजन 403 99 लाख 47 लाख
गढ़ी बीरबल सब डिवीजन 262 43 लाख 33 लाख
अमीन 315 65 लाख 29 लाख
नि¨सग 797 2.08 करोड़ 96 लाख
भादसों सब ऑफिस 115 14 लाख 10 लाख
जुंडला सब डिवीजन 344 72 लाख 39 लाख
असंध डिवीजन नंबर वन 398 1.57 करोड़ 48 लाख
असंध डिवीजन नंबर टू 294 50 लाख 21 लाख
मूनक 262 30 लाख 19 लाख
सिटी घरौंडा 440 1.20 करोड़ 64 लाख
सब अर्बन घरौंडा 309 81 लाख 43 लाख
टोटल 5464 16.11 करोड़ 9.57 करोड़
नोट : यह आंकड़े बिजली निगम की ओर से जारी किए गए हैं।
करनाल सिटी डिवीजन सहित तरावड़ी, नि¨सग और घरौंडा सिटी में सबसे ज्यादा चोरी
बिजली निगम के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो सिटी सब डिवीजन के अधीन आने वाले सब अर्बन सब डिवीजन करनाल में सबसे ज्यादा 338 केस बिजली चोरी के पकड़े गए, जिसको 2.01 करोड़ का जुर्माना किया गया। 1.32 करोड़ रुपये जुर्माने के तौर पर वसूले गए। इसी प्रकार सब अर्बन वन डिवीजन करनाल के अधीन तरावड़ी सब डिवीजन में 811 बिजली चोरी के केस पकड़े गए, 1.90 करोड़ जुर्माना किया गया, 1.17 करोड़ की रिकवरी हुई। निसिंग में 797 केस पर 2.08 करोड़ का जुर्माना किया गया, 96 लाख रुपये वसूले गए। सब अर्बन टू डिवीजन करनाल के अधीन सिटी घरौंडा में 440 बिजली के केस पकड़े गए, जिनमें 1.20 करोड़ का जुर्माना किया और महज 64 लाख रुपये की रिकवरी की गई।
करीब चार लाख हैं कनेक्शन
सर्कल में करीब चार लाख बिजली कनेक्शन लगे हुए हैं। पूरे प्रदेश में करनाल ही एकमात्र जिला है। जहां पर सबसे अधिक ट्रांसफार्मर 70 हजार लगे हुए हैं, जबकि साढ़े छह सौ से अधिक छोटे बड़े फीडर लगे हुए हैं। उनसे ट्रांसफार्मरों, फिर उपभोक्ताओं तक बिजली पहुंचाई जा रही है। इस समय करनाल सर्कल में लगभग तीन लाख से भी अधिक बिजली के उपभोक्ता हैं। गर्मी में बिजली की डिमांड डेढ़ करोड़ यूनिट से भी अधिक हो जाती है। अगर ज्यादा डिफाल्टर उपभोक्ता हो तो निगम को उसी हिसाब से राजस्व कम मिलता है। उससे निगम जरूरत के हिसाब से बिजली नहीं खरीद पाता, जिससे रेगुलर बिल भरने वाले उपभोक्ताओं को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पाती। इसके अलावा जितनी बिजली रेगुलर उपभोक्ताओं को मिलती है, उतनी ही बिजली डिफाल्टर उपभोक्ताओं को मिलती है।
यह है कनेक्शनों की स्थति
बिजली निगम करीब चार लाख उपभोक्ताओं से प्रति माह करीब 65 करोड़ रुपये बिल के रूप में लेता है। कुछ अरसे की बात की जाए तो निगम का रेवेन्यू बढ़ा है, जबकि बिजली सप्लाई की जहां तक बात है, वर्तमान में करीब 77 लाख यूनिट प्रतिदिन दी जा रही है। हालांकि गर्मी में इसकी डिमांड बढ़ जाती है। धान के सीजन में तो यह डिमांड डेढ़ करोड़ यूनिट तक हो जाती है। निगम के मुताबिक अर्बन एरिया में 24 घंटे बिजली दी जा रही है।
सबूत के आधार पर करेंगे कार्रवाई
बिजली निगम के अधीक्षक अभियंता अश्वनी रहेजा के मुताबिक अब तक छापामार कार्रवाई के तहत बिजली चोरी पकड़ी जाती थी। जुर्माना किया जाता था और मुकदमा दर्ज किया जाता था। अब ठोस सबूत, बिजली चोरी की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफ के आधार पर भी बिजली चोरी का मामला दर्ज किया जा सकता है। लाइन लॉस को कम करने के लिए बिजली चोरी रोकना बेहद जरूरी है, तभी हम लोगों को बिजली मुहैया करा पाएंगे।