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सीएम सिटी में नहीं काला पीलिया का इलाज, हर माह रोहतक रेफर किए जा रहे बीस मरीज

जागरण संवाददाता, करनाल स्वास्थ्य विभाग भले ही लोगों को बेहतर स्वास्थ्य देने का दम भर रहा ह

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 May 2017 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 24 May 2017 03:00 AM (IST)
सीएम सिटी में नहीं काला पीलिया का इलाज, हर माह रोहतक रेफर किए जा रहे बीस मरीज
सीएम सिटी में नहीं काला पीलिया का इलाज, हर माह रोहतक रेफर किए जा रहे बीस मरीज

जागरण संवाददाता, करनाल

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स्वास्थ्य विभाग भले ही लोगों को बेहतर स्वास्थ्य देने का दम भर रहा है, लेकिन सच्चाई यह है कि विभाग के पास स्वयं ही संसाधन नहीं है। सीएम सिटी में हैपेटाइटिस-सी यानि काला पीलिया का इलाज भी संभव नहीं है, यहां विभाग के पास दवाईयां तो उपलब्ध हैं, लेकिन मरीजों को दाखिल करने के लिए बैड की व्यवस्था नहीं है। दरअसल नवंबर 2012 में सामान्य अस्पताल कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में मर्ज कर दिया गया था, उसके बाद से सामान्य अस्पताल नहीं होने के कारण मरीजों को काला पीलिया का इलाज नहीं मिल पा रहा है। हालांकि सिविल सर्जन डॉ. संतलाल वर्मा की मानें तो फिलहाल काला पीलिया के मरीजों को रोहतक पीजीआई रेफर किया जाता है। वहीं पर इलाज होता है। जिले के लोगों को भटकना ना पड़े इसके लिए निदेशक डॉ. सुरेंद्र कश्यप से बातचीत कर मेडिकल कॉलेज में काला पीलिया के इलाज की व्यवस्था पर विचार-विमर्श किया जाएगा। सीएमओ ने आश्वस्त किया है कि हैपेटाइटिस-सी अर्थात काला पीलिया का इलाज करवाने के लिए मरीजों को रोहतक पीजीआई के चक्कर नहीं काटने पड़ेगे। चूंकि अब हैपेटाइटिस-सी से पीड़ित मरीजों को जल्द ही करनाल में इलाज मिलना शुरू हो जाएगा।

काबिलेगौर है कि इस योजना की घोषणा स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने एक साल पहले ही कर दी थी लेकिन अब जाकर योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए गंभीरता से प्रक्रिया शुरू हुई है। अब तक घोषणा सिर्फ घोषणा बनकर ही रह गई थी। इस समय प्रतिमाह करीब 20 से अधिक मरीज हैपेटाइटिस-सी के आ रहे हैं। उन्हें इलाज के लिए मजबूरन रोहतक रेफर किया जा रहा है।

विभाग के पास दवाईयां उपलब्ध हैं

स्वास्थ्य विभाग के पास काला पीलिया की दवाईयां उपलब्ध हैं, लेकिन बैड नहीं होने के कारण यह दवाईयां किसी काम की नहीं है। काला पीलिया के हर माह आने वाले करीब 20 में से 15 केस ऐसे होते हैं जो दाखिल करने लायक होते हैं। हालांकि पिछले दिनों मेडिकल कालेज की अस्पताल बिल्डिंग के उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की थी कि पुरानी बि¨ल्डग में ही सामान्य अस्पताल चलेगा लेकिन अब स्थिति यह है कि स्टाफ की कमी होने के कारण अस्पताल शिफ्ट नहीं हो पा रहा है। काफी स्टाफ डेपुटेशन पर मेडिकल कॉलेज में भी तैनात है।


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