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हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनवाने में तत्काल के नाम पर गोलमाल

गगन तलवार, करनाल हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लेकर इन दिनों एक तरफ प्रशासन ने सख्ती ब

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Nov 2017 03:01 AM (IST)Updated: Wed, 22 Nov 2017 03:01 AM (IST)
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनवाने में तत्काल के नाम पर गोलमाल
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनवाने में तत्काल के नाम पर गोलमाल

गगन तलवार, करनाल

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हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लेकर इन दिनों एक तरफ प्रशासन ने सख्ती बरती हुई है। वहीं दूसरी तरफ नंबर प्लेट बनाने के लिए बैठे कर्मचारी भी लोगों से मनमाने तरीके से फीस वसूल रहे हैं। ई-दिशा केंद्र में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लेकर तत्काल सर्विस के नाम पर बड़ा गोलमाल चल रहा है। सख्ती के चलते चालान होने के डर के कारण लोगों से दोगुना तक फीस वसूली जा रही है।

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनवाने के लिए ई-दिशा केंद्र में रोजाना लोगों की भीड़ जुटती है। सुबह करीब 300 लोगों को नंबर प्लेट के लिए टोकन दिए जाते हैं। लेकिन सभी वाहन चालक नंबर प्लेट के लिए आवेदन नहीं कर पाते। सॉफ्टवेयर बंद होने के नाम पर लोगों के आवेदन स्वीकार करने के लिए मना कर दिया जाता है। साथ ही उन्हें यह भी कह दिया जाता है कि यदि वे तत्काल में नंबर प्लेट के लिए आवेदन करते हैं। तो अभी नंबर प्लेट के लिए ऑनलाइन रसीद काट दी जाएगी। मंगलवार की सुबह भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब वाहन चालकों को सॉफ्टवेयर बंद का कह कर उन्हें तत्काल में आवेदन करने के लिए कहा गया। कर्मचारी से यह बात सुनकर भड़के लोगों ने एसडीएम से इसकी शिकायत की। एसडीएम से कर्मचारी की बात होते ही बंद सॉफ्टवेयर भी चल गया और इसके बाद विरोध जता रहे लोगों के आवेदन स्वीकार किए गए।

80 प्रतिशत आवेदन तत्काल में लेने के हैं आदेश

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट ¨लक उत्सव प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा तैयार की जा रही है। नंबर प्लेट के आवेदन लेने के लिए ई-दिशा केंद्र में भी इसी कंपनी का ही कर्मचारी तैनात है। जानकारी के अनुसार कर्मचारी को कंपनी की ओर से रोजाना करीब 80 प्रतिशत आवेदन तत्काल में लेने के लिए आदेश मिले हुए हैं। जिसके चलते ज्यादातर लोगों के आवेदन स्वीकार नहीं किए जाते। कर्मचारी भी लोगों को सॉफ्टवेयर ना चलने का झूठ बोलकर कंपनी से मिले टारगेट को पूरा करने में लगे हैं।

फोटो--29 नंबर है।

शिकायत के बाद चला सॉफ्टवेयर

सेक्टर-8 निवासी राजेश कुमार ने बताया कि वे हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनवाने के लिए उन्होंने सुबह आकर टोकन लिया। काफी देर इंतजार के बाद जब रसीद कटवाने के लिए नंबर आया। तो कर्मचारी ने सॉफ्टवेयर बंद बताकर रसीद काटने से मना कर दिया। साथ ही तत्काल सर्विस में आवेदन करने के लिए भी कहा। लेकिन एसडीएम नरेंद्र मलिक को शिकायत करने के बाद आवेदन स्वीकार कर लिया गया।

फोटो--30 नंबर है।

तत्काल सर्विस के नाम पर हो रही लूट

मधुबन के एन यादव ने बताया कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए तत्काल सर्विस के नाम पर लोगों को लूटा जा रहा है। चालान होने के डर से सॉफ्टवेयर बंद होने पर भी लोग तत्काल में आवेदन करने को तैयार हो जाते हैं। यह गलत है।

वर्जन-

मंगलवार को सॉफ्टवेयर में कुछ तकनीकी खामी आई थी। जल्द ही इसके दूर होने के बाद लोगों के आवेदन स्वीकार किए गए। नंबर प्लेट बनवाने वाली कंपनी लोगों को तत्काल सर्विस भी प्रदान करती है। 80 प्रतिशत आवेदन तत्काल में लेने के कंपनी के आदेश है व लोगों को तत्काल में नंबर प्लेट बनवाने के लिए बोला जाता है। ऐसा मेरे संज्ञान में नहीं है। यदि कुछ ऐसा चल रहा है तो इसकी जांच की जाएगी। -रामगोपाल, सुपरीटेंडेंट, ई-दिशा करनाल।


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