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ेसीएम सिटी में शुरू होगा इलेक्ट्रॉनिक मीटर री¨डग सिस्टम

प्रदीप शर्मा, करनाल बिजली बिलों में गड़बड़ियों को रोकने के लिए निगम ने विशेष योजना तैयार

By Edited By: Published: Thu, 19 Jan 2017 01:56 AM (IST)Updated: Thu, 19 Jan 2017 01:56 AM (IST)
ेसीएम सिटी में शुरू होगा इलेक्ट्रॉनिक मीटर री¨डग सिस्टम
ेसीएम सिटी में शुरू होगा इलेक्ट्रॉनिक मीटर री¨डग सिस्टम

प्रदीप शर्मा, करनाल

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बिजली बिलों में गड़बड़ियों को रोकने के लिए निगम ने विशेष योजना तैयार की है। योजना के तहत मीटर री¨डग मेनुअल की बजाय इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से ली जाएगी। उत्तर भारत में पहली बार इस योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में करनाल, पंचकूला, यमुनानगर व गुरुग्राम के फीडरों पर काम शुरू कर दिया है। इसके लिए कर्नाटक की कंपनी को टेंडर दिए गए हैं। दो माह की लर्निग प्रोसेस के बाद प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाया जाएगा। निगम अधिकारियों का कहना है कि उत्तर भारत में पहली बार हो रहे इस प्रयोग से निगम के कामकाज में पारदर्शिता भी आएगी।

कैसे ली जाएगी मीटर री¨डग

बिजली निगम की ओर से जो नए मीटर लगाए जा रहे हैं, उनमें परोब लीड लगाई जा रही है। इसका एक हिस्सा मीटर में और दूसरा मीटर के अंदर स्थापित किए गए इंस्ट्रूमेंट में होगा। मीटर चलने पर री¨डग का रिकॉर्ड परोब लीड के माध्यम से इंस्ट्रूमेंट में रिकॉर्ड होगा। यह इंस्टूमेंट निगम के सर्वर से कनेक्ट होगा और रिकॉर्ड ऑटोमेटिक निगम कार्यालय में पहुंच जाएगा। उसके अनुसार ही बिल बनकर तैयार होगा।

उपभोक्ता के पास आएगा मैसेज

मीटर ने जितनी री¨डग निकाली है उसका रिकॉर्ड निगम के पास तो जाएगा, साथ ही उपभोक्ता के रजिस्टर्ड नंबर पर भी मैसेज जाएगा। इसमें मीटर री¨डग की पूरी डिटेल होगी। इससे उपभोक्ता पूरी तरह से संतुष्ट भी हो सकेगा।

बिलों में नहीं मिलेंगी खामियां

अब तक देखने में आता है कि बिजली बिल मेनुअल री¨डग के अनुसार ही बनाए जाते हैं। संबंधित कर्मचारी री¨डग नोट करने में गड़बड़ कर देता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। पूरा सिस्टम डिजिटल होगा। बिजली बिलों में खामियां नहीं होंगी, लोगों को निगम कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

पहले होगा सबअर्बन, सब डिविजन पर काम

सीएम सिटी में सबअर्बन सब डिविजन पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में काम चल रहा है। इसके अंतर्गत 47,480 उपभोक्ता आते हैं। यानि इन सभी कनेक्शनों का पहले डिजिटलाइजेशन होगा। उसके बाद आगे बढ़ा जाएगा। निगम का मनाना है कि इससे कार्यालय का बोझ भी कम होगा और रेवेन्यू में भी सुधार आएगा। वर्जन

इस प्रोजेक्ट के लागू होने के बाद कहीं पर भी बिजली बिलों में गड़बड़ी नहीं होगी। उपभोक्ताओं को मैसेज के माध्यम से भी पता होगा कि इस बार कितनी री¨डग का बिल आने वाला है। योजना अच्छी है। मीटर री¨डग का मेनुअल सिस्टम खत्म होगा।

जेके कांबोज, अधीक्षक अभियंता, बिजली निगम करनाल।


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