इजराइली पद्धति से खेती करें किसान : डीसी
जागरण संवाददाता, करनाल डीसी मंदीप ¨सह बराड़ ने कहा कि परंपरागत फसल गेहूं व धान की काश्
जागरण संवाददाता, करनाल
डीसी मंदीप ¨सह बराड़ ने कहा कि परंपरागत फसल गेहूं व धान की काश्त करने से भूमिगत जल निरंतर नीचे जा रहा है, अगर पानी का जल स्तर इसी तरह गिरता गया तो यह भविष्य में गहरा संकट पैदा कर सकता है। किसानों को चाहिए कि वे ईजराइल पद्वति को अपनाकर पानी की कम लागत वाली खेती करें, इससे किसान कम लागत में अधिक आय अर्जित कर सकते हैं। इस व्यवस्था से छोटी जोत के किसानों को अपेक्षाकृत बेहतर लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि ईजराइल सहित कई ऐसे देश है जहां के किसान कम पानी होने के बावजूद भी बढि़या पैदावार ले रहे हैं। करनाल के कस्बा घरौंडा में स्थित इंडो-ईजराइल सब्जी उत्कृष्टता केंद्र में भी यह पद्धति अपनाई जा रही हैं। इस केंद्र में समय-समय पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाते हैं। प्रदेश भर के किसान यहां से प्रशिक्षण लेकर संरक्षित खेती के साथ-साथ सूक्ष्म ¨सचाई प्रणाली को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज समय की मांग है कि किसान संरक्षित खेती को अपनाएं, जो उनके लिए मुनाफे का सौदा साबित होगा है। प्रदेश के किसानों की भावना को समझते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा जिला के गांव अंजलथली में बागवानी विश्वविद्यालय की स्थापना करवाई जा रही है। इस विर्श्वविद्यालय के बनने से जहा फसल विविधिकरण को बढ़ावा मिलेगा, वहीं युवाओं को अपने प्रदेश में ही बागवानी में डिग्री हासिल करने का सुनहरा अवसर मिलेगा तथा रोजगार भी उपलब्ध होंगे।
विविधिकरण को बढ़ावा देना उद्देश्य
जिला उद्यान अधिकारी डा. मदन लाल के अनुसार राष्ट्रीय बागवानी मिशन का उदेश्य फसल विविधिकरण को बढ़ावा देना है ताकि इस मिशन का लाभ लेकर किसान पर परंपरागत फसल गेहूं व धान के साथ-साथ फल, फूल, सब्जियों व मशरूम की खेती करके अपने आर्थिक और सामाजिक जीवन स्तर को ऊंचा उठा सकें। इंडो-इजराईल के सहयोग से घरौंडा में सब्जी उत्कृष्ठता केंद्र की स्थापना की गई है। इस केंद्र में किसानों को आधुनिक तकनीक तथा कम पानी में पैदा की जाने वाली बे-मौसमी सब्जियों की काश्त के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है। उन्होंने जिला के किसानों से आह्वान किया कि इस केंद्र का भ्रमण करके कम लागत में अधिक आय तथा अधिक उत्पादन के बारे में जानकारी हासिल करें, ताकि किसानों का जीवन स्तर ऊंचा उठ सके।