विकारों की आहुति से मन होगा निर्मल : डॉ. संजय
जागरण संवाददाता, करनाल : भागवताचार्य डॉ. संजय कृष्ण सलिल ने कहा कि प्रभु की प्रत्येक लीला मे
जागरण संवाददाता, करनाल : भागवताचार्य डॉ. संजय कृष्ण सलिल ने कहा कि प्रभु की प्रत्येक लीला में भक्ति है। वह कण-कण में विद्यमान हैं। 84 लाख योनियों के बाद हमें मनुष्य का जीवन मिला है। इसे सार्थक करने के लिए नर और नारायण की सेवा करें। ईश्वर को हमेशा याद रखें। वह मंगलवार को सेक्टर 13 स्थित श्री गीता मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में
श्रद्धालुओं को कथा सुना रहे थे। उन्होंने कहा कि भागवत कथा ही ज्ञान यज्ञ है। कान रूपी हवन कुंड से बुद्धि रूपी अग्नि में प्रवचन सामग्री से मन के विकारों का हवन करने से मन शुद्ध हो जाता है। मनुष्य ज्ञान से मुक्ति पा सकता है। जीवन में सत्संग का बड़ा महत्व है। इससे कुमार्गी भी सन्मार्ग पर चलने में सफल हो सकता है। कथा के आयोजक विनोद गर्ग और अमित गर्ग ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा श्रवण करने के लिए पहुंच रहे हैं। भगवान श्रीकृष्ण की कृपा यह आयोजन किया जा रहा है। नारायण सेवा संस्थान इसमें विशेष सहभागिता निभा रहा है। इस अवसर पर सरोज गर्ग, भारती गर्ग, सुमित गुप्ता व मयंक गुप्ता मौजूद रहे।