घाटे से उभरने के लिए राइस मिलर्स को राशि दे सरकार : जैन
जागरण संवाददाता, करनाल : हरियाणा राइस मिलर्स एवं डीलर्स ऐसोसिएशन के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष जयपाल
जागरण संवाददाता, करनाल : हरियाणा राइस मिलर्स एवं डीलर्स ऐसोसिएशन के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष जयपाल जैन ने कहा है कि प्रदेश के राइस मिलर्स को पचास रुपए का प्रति क्विंटल के हिसाब से नुकसान उठाना पड़ रहा है। आज हर राइस मिल को करोड़ों का घाटा हो रहा है। वह करनाल में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि कुछ लोग राइस इंडस्ट्रीज को तबाह करने पर तुले हुए हैं। वह जानबूझकर राइस इंडस्ट्रीज को लेकर गलत प्रचार कर रहे हैं। वास्तव में सरकार राइस मिलों को धान केवल कुटाई के लिए देती हैं। जिसमें मि¨लग, लेबर, बिजली का खर्चा मिलाकर प्रति ¨क्वटल 200 रुपये पड़ता हैं। जबकि उन्हें सरकार से मिलने वाले मि¨लग चार्ज केवल दस रुपए प्रति ¨क्वटल के अलावा छिलका, पोलिस वगैरह जो धान से निकलती है उसके 15 रुपए मिलते हैं। इस तरह से मिलों को लाखों का घाटा उठाना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने 1509 किस्म के धान को ए ग्रेड में मर्ज कर 1450 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदा व मिलर्स पर दबाव डालकर यह धान उन्हें थमा दिया। जिसका चावल बनाने में 60 प्रतिशत भाग टूट गया और 62 प्रतिशत ही चावल निकला। इस तरह से राइस मिलर्स भारी नुकसान में तले दबा हुआ है। जैन ने बताया कि सरकार इस घाटे से उभरने के लिए राइस मिलर्स को क्षतिपूर्ति राशि दे।
प्रदेश महासचिव विनोद गोयल ने कहा कि आजाद देश में कोई भी मिलर्स कहीं से भी धान खरीद सकता है। इस पर कोई पाबंदी नही हैं। यहां पर धान जो आता है। उसकी रिर्पोट मंडी कमेटी और सेल टैक्स विभाग को दी जाती है। उस पर लगने वाला टैक्स भुगतान किया जाता हैं। कुछ लोग यह नही जानते कि एक राइस मिल के सहारे 50 परिवार पलते हैं। जो कल तक इस तंत्र में शामिल थे। वही आज आरोप लगा रहे हैं।
उन्होंने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि सरकार घाटे में चल रहे राईस मिलों को घाटे से उभारने के लिए बीआइआर स्कीम के तहत सहायता प्रदान करे। इस अवसर पर करनाल के प्रधान राज कुमार गुप्ता, इंद्री के प्रधान संजीव गुप्ता, नि¨सग के प्रधान राजेंद्र ¨सगला, विजय टक्कर, सुरेश गुप्ता, नरेश, हरीश कुमार, नीरज व नरेश बसंल मौजूद थे।