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पशुओं की बीमारियों की रोकथाम का दिया प्रशिक्षण

जागरण संवाददाता, कैथल : लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हिसार के पशु

By Edited By: Published: Thu, 29 Sep 2016 12:52 AM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2016 12:52 AM (IST)
पशुओं की बीमारियों की  रोकथाम का दिया प्रशिक्षण

जागरण संवाददाता, कैथल : लाला लाजपत राय पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय हिसार के पशु विज्ञान केंद्र कैथल में सात दिवसीय डेयरी फार्मिंग प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इसमें नवयुवकों को पशुओं की उन्नत नस्लें, नवजात बच्चे की देखभाल, पशुओं कीखुराक में खनिज मिश्रण का महत्व, संतुलित पशु आहार, पशुओं की मुख्य

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बीमारियों के लक्षण एवं उनकी रोकथाम के बारे में, दूध एवं दूध उत्पाद, स्वस्थ एवं स्वच्छ दूध उत्पादन, वर्षभर हरे चारे का उत्पादन, चारे का साइलेज बनना, डेयरी फार्मिंग लेखा -जोखा रखना तथा पशुपालन के आर्थिक महत्व के बारे में जानकारी दी।

पशु विज्ञान केंद्र के मुख्य विज्ञानी डा. राजेंद्र शयोकंद ने बताया कि बाजार-भाव की उथल-पुथल ने किसानों की कमर तोड़ रखी है। कृषि घाटे का सौदा साबित हो रही है। इन हालातों में पशुपालन द्वारा अधिक से अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है डेयरी फार्मिंग व्यवसाय द्वारा किसान वर्षभर रोजगार प्राप्त कर सकते है। उच्च गुणवता के सांड़ों का चयन करके दूध उत्पादन को दोगुना किया जा सकता है। किसान भाई स्वयं दूध उत्पाद बनाकर भी रोजगार प्राप्त कर सकते है।

प्रशिक्षण के समापन समारोह में डॉ. शयोकंद ने बताया की घटती कृषि जोत्त व बढ़ती उत्पादन लागत, जलवायु परिवर्तन, बे-मौसम वर्षा, कीड़े व बीमारियों के प्रकोप से कृषि में आमदनी के साधन बहुत सीमित रह गये है। ऐसे में उच्च गुणवत्ता के पशुपालन कर अधिक से अधिक लाभ व रोजगार प्राप्त कर सकते है और बेरोजगारी की समस्या से निजात पा सकते है। इसमें 112 नवयुवकों ने भाग लिया।


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