स्कूल में रैगिंग, निकाल दी जाती साइकिलों की हवा
संवाद सहयोगी,कलायत: राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में सीनियर विद्यार्थियों द्वारा जूनियर्स को परे
संवाद सहयोगी,कलायत: राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में सीनियर विद्यार्थियों द्वारा जूनियर्स को परेशान करने का मामला सामने आया है। आरोप है कि छोटे बच्चों के साइकिलों की हवा निकाल दी जाती है और जब इसका विरोध करते हैं तो उन्हें धमकाया जाता है।
अभिभावक हेमंत शर्मा, रोहताश कुमार, शमशेर ¨सह, नरेंद्र खेड़ा और दूसरे अभिभावकों का कहना है कि स्कूल में व्यवस्था को बनाए रखना प्रबंधन की जिम्मेवारी है। शिक्षकों को इस प्रकार के गंभीर मामलों के प्रति जिम्मेवारी का परिचय देना चाहिए। दुविधा का शिकार स्थानीय के साथ ग्रामीण अंचल से आने वाले बच्चे हैं। परिवहन सेवा की व्यवस्था न होने के कारण जो जूनियर विद्यार्थी साइकिल से स्कूल आते हैं। छुट्टी होने तक उनके साइकिलों की हवा निकाल दी जाती है। रोज-रोज छोटी आयु के बच्चे आखिरकार पंचर के पैसों का कहां से इंतजाम करें। इसके चलते अनगिनत बार प्रभावित विद्यार्थी भीषण गर्मी के बीच साइकिल को पैदल खींचते हुए घर पहुंचते हैं।
इस तरह विद्यार्थियों के साथ एक तरफ कुआं और दूसरी तरफ खाई की स्थिति बनी है। वे साइकिल का सहारा न लें तो प्रतिदिन लंबा सफर कैसे तय हो। जबकि साइकिल पर जाने से आर्थिक बोझ और परेशानी ज्यादा भारी पड़ रही है। हालांकि प्रदेश सरकार ने सरकारी व निजी स्कूलों में आदर्श शिक्षण माहौल कायम करने के लिए रै¨गग पर पूर्ण अंकुश लगाने के निर्देश दे रखे हैं। इस संदर्भ में बकायदा शपथ पत्र अभिभावकों से समय-समय पर लिया जाता है। लेकिन जब तक जमीनी स्तर पर स्कूल प्रबंधन कारकों पर ध्यान न रखे तो मसले का हल होने वाला नहीं।
एसडीएम से अभिभावक
का मिलेगा शिष्टमंडल:
प्रभावित विद्यार्थियों का कहना है कि अगर बच्चे आगे होकर मामले की शिकायत करते हैं तो स्कूल में उन्हें परेशान करने का सिलसिला तेज हो सकता है। फलस्वरूप अभिभावक इस दिशा में ठोस रूप रेखा तय कर एसडीएम को स्थिति से अवगत करवाएंगे।
वर्जन
सभी स्कूलों को रै¨गग पर पूर्ण अंकुश लगाने के सख्त निर्देश हैं। विद्यार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए वे मुखियाओं से रिपोर्ट मांगेंगे। रै¨गग करने वाले और अंकुश लगाने में लापरवाही करने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
-महेश चंद, खंड शिक्षा अधिकारी।