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सीएम विंडो पर हांफ रहा पंचायत विभाग

रवि हसिजा, कैथल : प्रदेश सरकार द्वारा आम जनता की सुविधा के लिए शुरू की गई सीएम ¨वडो पर

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Mar 2017 10:46 PM (IST)Updated: Tue, 28 Mar 2017 10:46 PM (IST)
सीएम विंडो पर हांफ रहा पंचायत विभाग
सीएम विंडो पर हांफ रहा पंचायत विभाग

रवि हसिजा, कैथल : प्रदेश सरकार द्वारा आम जनता की सुविधा के लिए शुरू की गई सीएम ¨वडो पर आए दिन किसी न किसी विभाग के खिलाफ शिकायतें आ रही है। कैथल की बात की जाए तो सीएम ¨वडो पर दो साल के दौरान 4500 से अधिक शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें से 4154 का समाधान करके उसका निराकरण कर दिया गया। जिला विकास एवं पंचायत विभाग कार्यालय जहां सीएम ¨वडो पर आ रही शिकायतें से हांफ रहा है, वहीं अन्य विभागों के पास ही पंचायत विभाग के बराबर ही शिकायतें पहुंची हैं। जिला विकास एवं पंचायत विभाग के पास पिछले दो साल में 1217 शिकायतें प्राप्त हुई, जबकि राजस्व व एडीसी कम डीआरडीए कैथल विभाग को छोड़कर अन्य सभी विभागों के पास ही कुल पंचायत विभाग के बराबर शिकायतें पहुंची हैं।

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खास बात यह है कि आम जनता से जुड़ी विभागों से संबंधित शिकायतों की संख्या बहुत कम है। इन शिकायतों को देखकर ऐसा लगता है कि कैथल के लोगों को सरकारी सुविधाएं पूरी तरह से बेहतर मिल रही है।

जिले के सभी विभागों के पास पहुंची शिकायतों में से 123 शिकायतों पर निर्धारित समय 30 दिनों में भी कार्रवाई नहीं हुई और उन्हें विभागों ने लटकाया हुआ है। 270 पर विभिन्न विभागों की कार्रवाई जारी है और 50 शिकायतों पर उच्चाधिकारियों ने जवाबतलबी की है। 73 मामलों में विभिन्न विभागों ने एटीआर तैयार कर अपने-अपने मुख्यालय भेज दी है।

डीडीपीओ कार्यालय से संबंधित पहुंच रही सबसे ज्यादा शिकायतें

सीएम ¨वडो पर सबसे अधिक शिकायतें डीडीपीओ कार्यालय से संबंधित पहुंच रही हैं। जिला विकास एवं पंचायत विभाग से संबंधित दो साल के दौरान सबसे अधिक शिकायतें पहुंची, जिसमें से अधिकतर को डिस्पोज ऑफ कर दिया गया। विभाग से संबंधित दो साल के दौरान 1217 शिकायतें पहुंची, जिसमें से 1055 डिस्पोज ऑफ की गई जबकि 34 शिकायतें ऐसी रही, जिनका समाधान 30 दिन बाद भी नहीं हो सका। 94 शिकायतों पर विभाग ने कार्रवाई कर रहा है। 15 मामलों में विभाग उच्चाधिकारियों ने जवाब मांगा है और 68 मामलों में एटीआर भेजी गई है।

इनमें भी सबसे अधिक शिकायतें

सीएम ¨वडो पर अकेले पंचायत विभाग से संबंधित शिकायतें नहीं आ रही बल्कि अन्य विभागों की कार्यशैली को लेकर भी लोगों में रोष रहता है। वे तुरंत शिकायत सीएम ¨वडो पर करते हैं।

दो साल के दौरान सीएम ¨वडो पर एडीसी डीआरडीए विभाग से संबंधित 601 शिकायतें दर्ज की गई। इसी प्रकार से राजस्व विभाग से संबंधित 660 शिकायतें पहुंची। एसडीओ सिविल/एसडीएम कैथल से संबंधित 224 शिकायतें पहुंची।

लीड बैंक मैनेजर से संबंधित 224, पुलिस विभाग से संबंधित 139 शिकायतें सीएम ¨वडो पर पहुंची। इसके अलावा एसडीओ सिविल/एसडीएम गुहला से संबंधित 96, एसडीओ सिविल/एसडीएम कलायत से संबंधित 71, पीडब्ल्यूडी बि¨ल्डग एवं रोड से संबंधित 57,एसपी कैथल से संबंधित 57, नगर परिषद से संबंधित 55 शिकायतें दी गई।

कैथल के लोग सरकारी

सेवाओं से संतुष्ट

सीएम ¨वडो पर आ रही विभिन्न विभागों से संबंधित शिकायतों को देखते हुए लगता है कि कैथल के लोग सरकारी सेवाओं से काफी संतुष्ट है। आम जनता से जुड़े विभागों के खिलाफ बहुत कम ही शिकायतें सीएम ¨वडो पर पहुंच रही है, जोकि एक अच्छा संकेत है। दो साल में स्वास्थ्य विभाग सीएमओ कार्यालय से संबंधित केवल 47 शिकायतें पहुंची, जिसमें से 46 का समाधान कर दिया गया।

इसी प्रकार से एसपी से संबंधित 57, रेलवे से संबंधित दो, जन स्वास्थ्य विभाग से संबंधित 47, रोडवेज से संबंधित 7, खाद्य आपूर्ति विभाग से संबंधित 42, हुडा से संबंधित 12, पुलिस विभाग से संबंधित 139, बिजली निगम एसई कार्यालय से संबंधित 15, चुनाव कार्यालय से संबंधित 14, आरटीए कैथल से संबंधित 12 शिकायतें ही मिली हैं।

आपसी विवाद की वजह

से बढ़ रही शिकायतें

पंचायत विभाग से संबंधित शिकायतों का आंकड़ा बढ़ने का मुख्य कारण आपसी विवाद हैं। ग्राम पंचायत स्तर पर कोई न कोई पक्ष एक-दूसरे की शिकायत करते रहते हैं। इसके अलावा कब्जों की शिकायतों के मामले भी सबसे ज्यादा पहुंचते हैं।

प्राथमिकता से दूर करें शिकायतें

पंचायत विभाग से संबंधित शिकायतों की वजह ग्राम पंचायतों की संख्या ज्यादा होना है। इसलिए कोई न कोई अपनी छोटी-मोटी समस्याओं को लेकर सीएम ¨वडो पर शिकायत करता है। शिकायत मिलने पर संबंधित विभाग उसे निपटारा भी तय समय पर करता है। अन्य विभागों में शिकायतें कम है। सरकारी विभागों के अधिकारियों का दायित्व है कि वह आम जनता से जुड़ी समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर दूर करें। इसके लिए सभी अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए जाते हैं।

- संजय जून, उपायुक्त, कैथल


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