छापेमारी में उपायुक्त ने रिकार्ड जांचा
संवाद सहयोगी, ढांड: धान के सीजन में किसानों व भाकियू द्वारा बाहर से धान खरीद को लेकर मचाए जा रहे बवा
संवाद सहयोगी, ढांड: धान के सीजन में किसानों व भाकियू द्वारा बाहर से धान खरीद को लेकर मचाए जा रहे बवाल पर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाने हुए पुरानी अनाज मंडी में एक आढ़त की दुकान पर दबिश दी। प्रशासन की इस कार्रवाई से कस्बे में अन्य राइस मिलरों के साथ अधिकारियों व कर्मचारियों में भी हड़कंप मचा रहा। उपायुक्त रवि प्रकाश गुप्ता के नेतृत्व में सरकारी खरीद एजेंसियों के अधिकारियों ने आढ़त की दुकान, जिनका राइस मिल भी है, पर काफी समय तक बारीकी से एचवन रजिस्टर, जे फार्म, आइ फार्म, गेट पास सहित अन्य दस्तावेजों की जांच की व सरकारी रिकार्ड से मिलान भी किया।
जांच के दौरान मौके पर पहुंचे पत्रकारों ने उपायुक्त से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि यह रुटीन की चे¨कग है और जिस आढ़त की दुकान पर चे¨कग की गई है, उनका राइस मिल भी है। जांच के दौरान इन दस्तावेजों की जांच की गई है। प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी पाए जाने की आशंका है जिसका बाद में खुलासा किया जाएगा।
जांच के दौरान उपायुक्त के साथ हैफेड डीएम एमएल पोसवाल, नायब तहसीलदार नवनीत, हैफेड मैनेजर ढांड संदीप कल्याण, मार्केट कमेटी सचिव सतबीर नैन, कानूनगो पाला राम सहित ढांड सर्कल के सभी पटवारी मौजूद थे।
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हैफेड डीएम ने सचिव से
लिया लिखित में पत्र
जांच के दौरान हैफेड डीएम पोसवाल ने मौके पर मौजूद ढांड मार्केट कमेटी सचिव सतबीर नैन से पूछा की जांच के दौरान जो जेफार्म का मिलान किया गया है, इसके अलावा विभाग द्वारा कोई फार्म की प्रमाणित कॉपी तो जारी नहीं की गई है। इस पर सचिव ने कहा कि नहीं जो जांच की गई है, वहीं जेफार्म का रजिस्टर दिया गया है। इस पर डीएम ने मार्केट कमेटी सचिव से लिखित रूप में पत्र अन्य जे फार्म जारी ना करने बारे पत्र भी लिया।
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किसानों व भाकियू ने लगाए
थे धान खरीद आरोप
मंडी में धान सीजन के दौरान किसानों व भाकियू द्वारा मंडी में धान की खरीद ना होने पर कई बार बवाल मचाया गया था। कई किसान मंडी से धान अन्य मंडियों में बेचने के लिए ले गए थे। किसानों ने आरोप लगाया था कि ढांड मंडी में प्राइवेट खरीदार खरीद के नाम पर किसानों से मजाक कर रहे है। ढांड मंडी में धान की खरीद कम होने के बावजूद रजिस्टरों में खरीद अधिक दिखाई जा रही है, क्योंकि मिलर बाहर की मंडियों सहित अन्य राज्यों से सस्ते भाव पर धान खरीद कर सरकार को अधिकारियों की मिलीभगत से समर्थन मूल्य पर बेच रहे है और जे फार्म भरे जा रहे है। किसानों ने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से कई बार इस मामले की जांच करने की मांग की थी। जिस पर प्रशासन द्वारा आज उक्त कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।