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जाट आरक्षण पर साजिश के तहत हुआ स्टे : छौत

जागरण संवाददाता, कैथल : अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष धर्मपाल छौत ने कहा कि पंजाब ए

By Edited By: Published: Fri, 27 May 2016 05:18 PM (IST)Updated: Fri, 27 May 2016 05:18 PM (IST)

जागरण संवाददाता, कैथल : अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष धर्मपाल छौत ने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जाट आरक्षण पर अंतरिम रोक लगा दी है। अगर हरियाणा सरकार इस बारे में चौकस होती तो इतनी जल्दी जाट आरक्षण कानून पर स्टे नहीं होता।

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शुक्रवार को जिला प्रधान सुभाष बड़सीकरी के प्रतिष्ठान पर पत्रकारों से रू-ब-रू होते छौत ने कहा कि हमें सरकार की नीयत पर पहले से ही शक था कि वह कोर्ट में ठीक ढंग से जाट आरक्षण की पैरवी नहीं करेगी। अगर सरकार जाट आरक्षण के प्रति गंभीर होती तो वह हाईकोर्ट में पहले से कैविएट लगा सकती थी। एडवोकेट जनरल को तीन दिन पहले याचिका की कॉपी मिल गई थी, लेकिन वो जानबूझकर पेश नहीं हुए। इससे एक तरफा कार्रवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जाट आरक्षण पर रोक लगा दी।

प्रदेश सरकार ने बिल पास करने व लागू करने में जानबूझकर देरी की। 28 मार्च 2016 को जाट आरक्षण विधेयक विधानसभा में पास हुआ और 13 अप्रैल 2016 को राज्यपाल के हस्ताक्षर हुए। 14 मई को अधिसूचना जारी की गई जिसकी कॉपी अधिकारियों तक पहुंची ही नहीं थी, उससे पहले स्टे हो गया। यह सारा खेल एक साजिश नजर आता है। सरकार ने वादा किया था कि जाट आरक्षण विधेयक हरियाणा में पास होते ही इसे केंद्र में लोकसभा व राज्यसभा में पास कराकर संविधान के अनुच्छेद नौ में डाला जाएगा ताकि यह कोर्ट में चैलेंज न हो सके, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया।

भाजपा सरकार ने जाटों के साथ वायदाखिलाफी की है जिसका अंजाम उसे भुगतना होगा। आगामी 29 मई को रोहतक में अगली रणनीति बनेगी। इस मौके पर जिला प्रधान सुभाष बड़सीकरी, होशियार ¨सह गिल व मल्लू बालू सहित कई जाट नेता उपस्थित थे।


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