प्रधानमंत्री से मिले माजरी के सरपंच और किसान
संवाद सहयोगी, गुहला-चीका : लोग कितने जागरूक हो गए हैं इसका उदाहरण उस समय देखने को मिला जब गुहला उपमं
संवाद सहयोगी, गुहला-चीका : लोग कितने जागरूक हो गए हैं इसका उदाहरण उस समय देखने को मिला जब गुहला उपमंडल के छोटे से गांव माजरी के लोग एमएलए, एमपी व यहां तक मुख्यमंत्री को भी दरकिनार कर अपनी एक मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने सीधे दिल्ली पहुंच गए। उनकी मांग गुहला हलके की न होकर गुजरात के भुज शहर से जुड़ी हुई थी।
मालूम रहे कि गुहला के गांव माजरी के कई परिवार भुज में सैकड़ों एकड़ भूमि पर खेती करते हैं। उनकी समस्या यह है कि गुहला चीका से भुज जाने के लिए सीधी कोई भी व्यवस्था नहीं है। नतीजतन उन्हें भुज जाने व गुहला चीका आने में बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ता है। न केवल उनका कीमती समय बरबाद होता है, अलबत्ता पैसे की भी बरबादी होती है। सरपंच सतबीर ¨सह ने बताया कि वे इस मांग को लेकर प्रधानमंत्री से मिलने दिल्ली पहुंच गए कि पंजाब के भ¨टडा से जो रेलगाड़ी गुजरात के भुज से होकर अहमदाबाद तक जाती है, उसका स्टोपिज भुज में भी किया जाए ताकि उन्हें आने-जाने में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े। किसानों ने बताया कि उनके साथ भुज के सांसद विनोद चावड़ा भी गए थे। लोगों के अनुसार प्रधानमंत्री ने न केवल उनकी मांग को ध्यान से सुना, अलबत्ता उनकी मांग को जायज व वक्त की जरूरत बताते हुए उसे पूरा करने का आश्वासन भी दिया।
ग्रामीणों ने बताया कि वे प्रधानमंत्री को यह समझाने में सफल हुए कि भुज में रेलगाड़ी के रुकने से न केवल उनकी समस्या हल हो जाएगी, अलबत्ता अन्य राज्यों से भी लोग व्यापार करने गुजरात आएंगे। नतीजतन व्यापार बढ़ने से गुजरात देश का नंबर वन राज्य बन जाएगा। ग्रामीणों ने पीएम को हरियाणा में पढ़ी-लिखी पंचायतों का कानून लागू कराने पर बधाई भी दी। इस पर भी प्रधानमंत्री ने भी भरोसा दिलाया कि विकास के लिए पंचायतों को ज्यादा से ज्यादा धन दिया जाएगा। इस मौके पर उधम ¨सह, केवल ¨सह, जसबीर ¨सह, मलकीत ¨सह, हरदीप ¨सह, परमजीत ¨सह, म¨हदर ¨सह व ¨सदर ¨सह मौजूद थे।