वन मजदूरों की मानी गई मांगों को किया जाए लागू
जागरण संवाददाता, कैथल : वन मजदूरों के साथ आरंभ से ही धोखा होता आया है। मजदूर कर्मचारियों ने पहले भी
जागरण संवाददाता, कैथल : वन मजदूरों के साथ आरंभ से ही धोखा होता आया है। मजदूर कर्मचारियों ने पहले भी अपने हकों के लिए कई बार आंदोलन किए हैं और प्रशासन ने भी उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। प्रशासनिक एवं वन अधिकारियों पर विश्वास जताते हुए वन मजदूरों ने भी आंदोलन वापस लिए, लेकिन हर बार उनके साथ छल किया गया। मजदूरों की मांगों को मानने का आश्वासन दिया गया, लेकिन आज तक एक को भी पूरा नहीं गया।
यह शब्द वन मजदूर यूनियन के प्रधान विजय शर्मा ने वन मजदूरों के धरने को संबोधित करते हुए कहे। वन मंडल पर वन मजदूर अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं। वन मजदूरों का धरना बुधवार को तीसरे दिन में प्रवेश कर गया। लेकिन तीसरे दिन भी किसी अधिकारी ने वन मजदूरों की सुध नहीं ली, जिस कारण उनमें रोष है। वन मजदूरों की पूर्व में मानी गई मांगों को भी आज तक लागू नहीं किया गया। हटाए गए मजदूरों को कार्य पर रखना, मजदूरों के पहचान पत्र बनाना, हाजरी कार्ड देना, बढ़े हुए वेतन व एरियर का भुगतान करना, काम करने को औजार देना, मजदूरों को ईपीएफ व इएसआइ की सुविधा प्रदान करना आदि मांगों के लागू नहीं करने के कारण मजदूरों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। वक्ताओं ने कहा कि यदि जल्द ही उनकी मांगों को लागू नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। सर्व कर्मचारी संघ के सचिव शिव दत्त शर्मा ने वन मजदूरों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि वन मजदूरों की मांगे जायज हैं और इन मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए। यदि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो कर्मचारी संघ भी उनके आंदोलन में सक्रिय भूमिका अदा करेगा।
इस अवसर पर जो¨गद्र ¨सह, ¨मया ¨सह, सतबीर ¨सह, राम कुमार, आनंद, जगीर ¨सह, सुरेश कुमार, भतेरी, मनी राम सहित अन्य मजदूर नेताओं ने भी विचार रखे।