'कौड़ियों के भाव बिक रहे किसानों के धान'
संवाद सहयोगी, गुहला चीका : हरियाणा का किसान कर्ज से परेशान है और आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहा है
संवाद सहयोगी, गुहला चीका :
हरियाणा का किसान कर्ज से परेशान है और आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहा है। उक्त शब्द हरियाणा काग्रेस महासचिव लाली शर्मा टटियाना ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहे।
उन्होंने कहा कि किसानों का धान कौड़ियों के भाव बिक रहा है और इसी साल मार्च-अप्रैल में हुई बे मौसमी वर्षा व ओलावृष्टि के कारण कई किसानों को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा था। इन सब के बावजूद भी सरकार ने किसानों की समस्या पर ध्यान न देकर बिजली के दामों में वृद्धि कर किसानों के जले हुए पर नमक छिड़कने का काम कर रही है।
शर्मा ने बताया कि पूर्व की काग्रेस सरकार ने किसानों के बिजली बिल माफ करके कर्ज में डूबे किसानों को बोझ हलका किया था। उन्होंने कहा कि काग्रेस सरकार ने बिजली बिलों की बड़ी राशि को माफ किया था। उन्होंने बताया कि इस समय एक तरफ तो किसानों पर भगवान की मार है, वहीं दूसरी और भाजपा सरकार भी अपनी तरफ से किसानों विनाश करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
उन्होंने बताया कि यदि बिजली के दामों में किए गई वृद्धि को वापस नहीं लिया व किसानों की धान के भाव सरकार ने नहीं बढ़ाए तो किसानों को मजबूरन आदोलन की राह पकड़नी पड़ेगी। इस अवसर पर सतीश कुमार, दिलबाग ¨सह, बिंद्र भागल, गुरपाल सिंह, अमरजीत सिंह, कुलविंद्र ¨सह, जसवीर सिंह व अन्य काग्रेस कार्यकत्र्ता भी मौजूद थे।