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कैथल में भूकंप आया तो हो सकती भारी तबाही

जागरण संवाददाता, कैथल : नेपाल के काठमांडू में भूकंप से हुई तबाही व दो दिनों से कैथल में आ रहे भूकं

By Edited By: Published: Sun, 26 Apr 2015 08:18 PM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2015 08:18 PM (IST)
कैथल में भूकंप आया तो 
हो सकती भारी तबाही

जागरण संवाददाता, कैथल :

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नेपाल के काठमांडू में भूकंप से हुई तबाही व दो दिनों से कैथल में आ रहे भूकंप के झटकों के बावजूद जिला प्रशासन गंभीर नहीं है। यदि कैथल में भूकंप से कोई त्रासदी हुई तो भारी तबाही हो सकती है। पुराने शहर के बीचों-बीच आज भी कई ऐसी खंडहर एवं जर्जर हवेलियां है जो बड़े हादसे को अंजाम दे सकती है। ये जर्जर एवं पुरानी हवेलियां उस जगह पर स्थित है जहां एंबुलेंस व दमकल विभाग की गाड़ी नहीं आ सकती।

सेठान मोहल्ला, सराफा बाजार, कानूगो मोहल्ला, चंदाना गेट के अंदर, पूंज मोहल्ला में कई जर्जर एवं पुरानी हवेलियां है जहां हर समय मलबा व र्इंटे गिरती रहती है।

भूकंप के झटके आने के बाद तो यहां रहने वाले लोगों को एक भय सा पैदा हो गया है। भूकंप के झटके आने के बाद यहां आसपास रहने वाले लोग घरों से बाहर निकलकर खाली स्थान पर आते हुए नजर आते हैं। लोगों का कहना कि जर्जर हवेलियों को गिरवाने की वे कई बार मांग कर चुके हैं लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कालोनी वासियों ने बताया कि इन मोहल्लों में एंबुलेंस व दमकल विभाग की गाड़ियां आ जा नहीं सकती। उन्हें हर समय कोई घटना होने के बाद उस पर काबू कैसे काबू पाया जाएगा इसकी चिंता लगी रहती है।

प्रशासन नहीं गंभीर

दुकानदार प्रदीप कुमार ने पुरानी हवेलियों के कारण हर समय कोई हादसा होने का डर बना रहता है। अब दो दिनों से भूकंप के झटके बाद तो वे घबरा गए हैं। रात के समय भी नींद नहीं आती। मोहल्लों की तंग गलियों के कारण तो और भी डर बना रहता है। प्रशासन को इस और गंभीरता से कार्य करना चाहिए।

खाली पड़ी हवेलियां

समीर कुमार ने कहा कि वर्षो पूर्व बनी हुई हवेलियां अब अधिकतर खाली पड़ी है। इनमें से कुछ हवेलियां तो ऐसी है, जिनमें केवल दीवारें ही खड़ी है और छत कई साल पहले ही गिर चुकी है। इस प्रकार की पुरानी हवेलियों के गिरने के कारण आसपास जरूर नुकसान हो सकता है। इसलिए इस ओर जिला प्रशासन ने इस ओर ध्यान देना चाहिए।

खंडहर हो चुकी हवेलियां : नरेश

नरेश कुमार ने कहा कि वर्षो पुरानी हवेलियां अब पुरी तरह से खंडहर हो चुकी है। कई हवेलियां तो ऐसी है, जिनमें भारी दरारें आई हुई है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। ऐसी हवेलियों से परिवार अब तक दूसरे शहरों में रहने लगी है और वह कभी-कभी यहां पर आते है। प्रशासन को चाहिए कि इन हवेलियों को गिरवाए।

खंडहर होने के बावजूद

भी रहे परिवार

जरनैल सिंह ने कहा कि कई हवेलियां ऐसी है, जिनकी ऊपरी मंजिल गिर चुकी है। नीचे हवेली की हालत ठीक होने के कारण वह यहां परिवार के साथ रह रहे है। ऐसे भी परिवार है कि वह इस प्रकार की हवेलियों को छोड़कर बाहर नया भवन बनाने के लिए विवश है। पुरानी हवेलियों में रहने के लिए हर साल उसकी मरम्मत जरूर करवानी चाहिए। भूकंप के मामूली झटकों से हवेली गिर सकती है।

12.50 में आए झटके

कैथल में रविवार को 12 बजकर 50 मिनट पर एक मिनट के लिए भूकंप के झटके महसूस किए गए। जैसे ही भूकंप के झटके आए तो लोगों में दशहत सी दिखाई दी। झटके महसूस होते ही लोग घरों एवं दुकानों से बाहर निकले गए। मास्टर सतबीर व संजीव ने बताया कि नेपाल में भूकंप से हुई तबाही के बाद दो दिनों से कैथल में भूकंप के झटकों से एक डर पैदा हो गया है।

जिला उपायुक्त केएम पांडुरंग ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा भूकंप ग्रस्त नेपाल में जिला से संबंधित लोगों को तुरत राहत व सहायता पहुचाने के उद्देश्य से आवश्यक कदम उठाए गए हैं। यदि जिला कैथल से कोई भी व्यक्ति नेपाल गया हुआ है तो इसकी सूचना उपायुक्त कैंप कार्यालय 01746-224240 पर सूचित करे। इस जिला के व्यक्ति के यदि कोई निकट संबंधी हाल ही में नेपाल गए हैं तो इसकी सूचना भी तुरन्त प्रशासन को दूरभाष पर उपलब्ध करवाई जाए ताकि वहा पीड़ित लोगों की मद्द की जा सके।


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