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सांवरिया अब तेरे सहारे भजन पर झूमे श्रद्धालु

जागरण संवाददाता, कैथल : श्री श्याम परिवार संघ की तरफ से आयोजित 9 वा श्री श्याम वंदना महोत्सव सोमवार

By Edited By: Published: Tue, 31 Mar 2015 08:11 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2015 08:11 PM (IST)
सांवरिया अब तेरे सहारे
भजन पर झूमे श्रद्धालु

जागरण संवाददाता, कैथल : श्री श्याम परिवार संघ की तरफ से आयोजित 9 वा श्री श्याम वंदना महोत्सव सोमवार रात को सम्पन्न हो गया। देश विदेश के विख्यात भजन सम्राट संजय पारिख जयपुर, वृंदावन की तपोभूमि से आए हुए भजन सम्राट चित्र-विचित्र, स्वर कोकिला रजनीश शर्मा एवं अनिल शर्मा फतेहाबाद वाले मुख्य रूप से उपस्थित थे। समारोह का शुभारंभ एवं ज्योति प्रज्जवलन श्री कमल सागर ने किया।

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सर्वप्रथम समारोह का आगाज करते हुए भजन सम्राट संजय पारिख ने गणेश वंदना करते हुए किया तथा गणपति जी गणेश नूं मनाईये, सारे काम आप होण गे गा कर किया। गणेश वंदना के पश्चात संजय पारिख ने अपना भजन सुन ले खाटू वाले, हमें तेरा ही सहारा, नईया हमारी ओ सावरिया अब तेरे ही सहारे गाया तो समूचा पंडाल उनकी इस धुन पर झूमने लग गया। इसके पश्चात उन्होंने जब अपनी अगली प्रस्तुति तेरे एहसान मैं उतारूं कैसे सावरे, मेरी डूबती नैया अब तुम्हारे आसरे गाया तो पंडाल में मानों श्याम नाम की मस्ती छा गई। इसके पश्चात जब उन्होंने दिल दिवाना हो गया ओ मुरली वाले तेरा भजन प्रस्तुत किया तो पंडाल में उपस्थित महिलाएं इस भजन पर अपने आप को झूमने से रोक नहीं पाई।

जब उन्होंने अपनी प्रस्तुति तेरी बंदगी करूं मैं संकट में, तुझे रिझाउं मैं कैसे, साथी तूं ही बस मेरा है, साथी मेरा कौन यहा तेरे सिवाए ओ कान्हा रे गाया तो पंडाल में उपस्थित क्या महिलाएं और क्या बुजुर्ग सभी नाचने पर विवश हो गए। जब संजय पारिख ने अपनी रचना छाएं काली घटाएं तो क्या, इसकी छतरी के नीचे हॅू मैं, आगे-आगे ये चलता मेरे, मेरे मालिक के पीछे हॅू मैं, इसने पकड़ा मेरा हाथ है, तो फिर डरने क क्या बात है। गाते ही आसमान में कुछ समय •े लिए वास्तव में ही बादलों की गड़गड़ाहट शुरू हो गई तथा सारा आसमान काले घने बादलों से घिर गया।

जब उन्होंने अपनी अगली प्रस्तुति मेरी झोली छोटी पड़ गई रे, मुझे इतना दिया रे मेरे बाबा गाया तो पंडाल में उपस्थित भारी हजूम श्याम भक्ति में सराबोर होकर नाचने लग गया। इसके पश्चात वृंदावन से आए हुए सुप्रसिद्व भजन सम्राट चित्र- विचित्र ने जब अपना विश्व विख्यात भजन करूणा मई, कृपा मई, मेरी बाके बिहारी सरकार गाया तो सारा पंडाल इस भजन की धुन पर झूमने लग गए।

न्होंने अपनी अगली प्रस्तुति कजरारे, कजरारे तेरे मोटे-मोटे नैना गाया तो क्या बच्चे और क्या बुजुर्ग सभी इस भजन की धुन पर थिरकने पर विवश हो गए।

काफी लंबे अर्से तक उन्होंने अपनी सुरीली आवाज केआगाज से श्याम भक्तों को श्याम रस पिलाया और लगातार काफी समय तक उन्हे नाचने और थिरकने पर विवश कर दिया। समारोह के अंत में स्वर कोकिला रजनीश शर्मा और अनिल शर्मा ने भी अपने भजनों पर श्याम भक्तों को खूब रिझाया।

इस अवसर पर राजेश जिंदल, प्रधान हरजिंद्र गर्ग, ईश्वर गुप्ता, संजय जैन, आनंद बंसल, गौतम जैन, नवरत्‍‌न गुप्ता, दीपक गुगलानी, योगेन्द्र बंसल, खनौरी, पातडा, संगरूर मौजूद थे।


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