फिर बढ़ा तापमान, सूखने के कगार पर धान की फसल
जागरण संवाददाता, कैथल : बरसात न होने से किसान मायूस हैं। सोमवार को बिना बरसे ही बादल लौटने से किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं। वहीं दूसरी तरफ गर्मी व उमस के कारण लोगों का हाल-बेहाल हो गया है। कैथल में अधिकतम तापमान 40.5 व न्यूनतम तापमान 29.7 दर्ज किया गया है।
भीषण गर्मी व उमस से हर कोई बेहाल है। गर्मी में दोपहर के समय तो लोगों का जीना दुर्भर हो गया है। ज्यादा गर्मी होने के कारण छोटे-छोटे बच्चे बेहाल है। लोगों ने बताया कि ज्यादा गर्मी होने के कारण तापमान बढ़ने से उमस के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सावन मास में गर्मी व उमस के कारण बाजार भी खाली-खाली से नजर आ रहे हैं। फिरनी का कार्य करने वाले दुकानदारों ने बताया कि भीषण गर्मी के कारण वे खाली बैठने पर मजबूर हैं। इन दिनों बरसात न होने के कारण उन्हें नुकसान हो रहा है। पिछले वर्ष इन दिनों काफी बरसात हो गई थी, जिस कारण उन्हें फायदा हुआ था। लेकिन इस बार तो सूखे जैसे हालत होने के कारण धंधा चौपट हो गया है। वहीं किसानों ने बताया कि इस समय बरसात की जरूरत है। बरसात न होने से धान की फसल को नुकसान हो रहा है। इस समय बरसात होती है तो फसल पूरी तरह से सूख गई है। बिजली भी कम मिल रही है और नहरों व माइनरों में भी पानी नहीं है। जिस कारण फसल को बचाना मुश्किल हो गया है। किसानों ने बताया कि रोजाना बादल बिना बरसे लौट रहे हैं। बरसात न आने के कारण धान की फसल को खेतों में से उखाड़कर दोबारा लाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
बरसात इस समय जरूरी : वर्मा
कैथल कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञानी रमेश वर्मा ने बताया कि इस समय बरसात की जरूरत है। बरसात होने से धान की फसल सूखने से बचेगी। इस समय बरसात न होने से तापमान बढ़ने से धान सहित हरे चारे व सब्जी को नुकसान हो रहा है। ज्यादा तापमान बढ़ने से उमस के कारण लोग परेशान हैं।