सावन के दूसरे सोमवार को मंदिरों में उमड़े शिवभक्त
जागरण संवाददाता, कैथल : सावन मास में नगर के मंदिर दूल्हन की तरह सजे हुए हैं। सावन माह का दूसरा सोमवार होने के कारण मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह व सायं के समय नगर के मंदिरों में भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हुए नजर आए।
नगर के मंदिरों में सावन मास के दूसरे सोमवार को लेकर मंदिरों में भक्तों की भीड़ दिखाई दी। सुबह से ही नगर के मंदिरों में श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंचे। नगर के श्री ग्यारह रूद्री प्राचीन शिव मंदिर, श्री अंबकेश्वर मंदिर, गीता भवन मंदिर, श्री सनातन धर्म मंदिर, श्री हनुमान वाटिका मंदिर, ढांड रोड पर स्थित भगवान शिव के प्राचीन मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की भीड़ दिखाई दी। सुबह चार बजे से लेकर आठ बजे तक और सायं को पांच बजे से लेकर सायं सात बजे तक नगर के मंदिरों में भक्त पूजा करते हुए दिखाई दिए।
भक्तों ने कहा कि सावन मास के सावन मास में सोमवार को भगवान शिव का व्रत रखकर पूजा-अर्चना करना शुभ माना गया है। इस दिन भगवान शिव का व्रत रखकर मंदिरों में पूजा-अर्चना करने के लिए आने वाले भक्तों की सभी मन्नतें पूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि सावन मास की पूजा करन से भगवान शिव अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं।
व्रत रखकर ऐसे करें पूजा
पंडित सोमनाथ शर्मा ने बताया कि सावन मास में भगवान शिव की पूजा सबसे फलदायी मानी गई है। इस माह में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों को उनकी भक्ति का फल मिलता है। पंडितों के अनुसार सावन मास के पहले सोमवार को भगवान शिव का व्रत रखने वाले भक्तों को सूर्य अस्त से पहले भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
भगवान शिव के साथ-साथ मां पार्वती, भगवान गणेश व नंदी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। पूरे परिवार की पूजा अर्चना करने वाले भक्तों को भगवान शिव का फल जरूरी मिलता है। सावन मास में तिल, मिसरी कर कच्ची लस्सी में गुड या शकर का घोल कर बेल पत्थर के शिवलिंग पर पूजा करें। पूजा-अर्चना करते समय भक्त एक फल नहीं बल्कि फलों के जोड़े के साथ शिवलिंग पर चढ़ाकर पूजा-अर्चना करें।
कांवड़ियों का लगा तांता : प्रधान
श्री सनातन धर्म मंदिर समिति के प्रधान रवि भूषण गर्ग ने बताया कि सावन मास को लेकर भक्तों का मंदिरों में आना-जाना शुरू हो गया है। पहले सोमवार को काफी भीड़ मंदिरों में भक्तों की दिखाई दी। उन्होंने बताया कि इन दिनों में कावड़ियों का भी आना-जाना शुरू हो गया है। शिव भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर में सभी प्रबंध किए गए हैं।