Move to Jagran APP

अवशेषों में आग लगाने से बढ़ रहा पर्यावरण प्रदूषण

By Edited By: Published: Mon, 21 Apr 2014 06:33 PM (IST)Updated: Mon, 21 Apr 2014 06:33 PM (IST)
अवशेषों में आग लगाने से
बढ़ रहा पर्यावरण प्रदूषण

जागरण सरोकार : पर्यावरण संरक्षण

loksabha election banner

जागरण संवाददाता, कैथल :

गेहूं के सीजन में बचे अवशेषों को जलाने से जहां पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है, वहीं दमा के मरीजों के लिए भी परेशानी बढ़ गई है। चिकित्सकों का कहना है कि पर्यावरण प्रदूषित होने से दमा के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत आती है।

इस समय गेहूं का सीजन चल रहा है। सीजन में बचे अवशेषों को किसान आग के हवाले कर रहे हैं। इससे जहां खेतों में लगाए गए कूप व फानों में आग लगने से भारी नुकसान होता है, वहीं अवशेष जलने से पर्यावरण भी प्रभावित होता है। पर्यावरण दूषित होने से कई प्रकार की बीमारियां तो फैलती ही हैं साथ में दमा रोग के मरीजों के लिए भी परेशानी बढ़ जाती है।

ग्रामीण क्षेत्र में बहुत से दमा मरीजों को इस सीजन में जीवन यापन करना मुश्किल हो जाता है।

प्रशासन को बचे अवशेषों को जलाने के लिए रोक लगानी चाहिए और किसानों को जागरूक करना चाहिए। यदि इसके बावजूद किसान ऐसा कार्य करता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए।

ऐसे करें बचाव

-गेहूं के बचे अवशेष में आग न लगाएं।

-किसान आग लगाने की बजाए अपने खेतों में पानी देकर इन्हें नष्ट करें।

-दमा रोगी अपने मुंह पर रुमाल या अन्य कपड़ा बांधकर रखें।

-ज्यादा दिक्कत होने पर चिकित्सक की सलाह लें।

बढ़ जाती दिक्कत

सिविल सर्जन डॉ.आदित्य स्वरूप गुप्ता ने बताया कि पर्यावरण दूषित होने के कारण दमा रोगियों के लिए परेशानी बढ़ जाती है। मरीजों को सांस लेने में दिक्कत आती है और घबराहट हो जाती है। ऐसे मौसम में मरीजों को सावधानी बरतनी चाहिए। दिक्कत बढ़ने पर चिकित्सक से इलाज कराना चाहिए।

विभाग पूरी तरह से सतर्क

कृषि उपनिदेशक डा. रोहताश ने बताया कि गेहूं अवशेषों को आग से रोकने के लिए विभाग पूरी तरह से सतर्क है। कृषि अधिकारी और उपमंडल अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों का जायजा लें। इसके साथ ही यदि कोई किसान गेहूं अवशेषों में आग लगाता है तो उसके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.