शिलान्यास का एक वर्ष गुजरने के बाद भी सड़क बदहाल
एक वर्ष में 2650 मीटर नहीं बन पाई सड़क
संवाद सहयोगी, कलायत : रेलवे रोड चकाचक होगा और रात्रि भर मार्ग जगमगता रहेगा। विभिन्न राजनैतिक
दलों से जुड़े राजनेता इसका ख्वाब लोगों को दशकों से दिखा रहे है। लेकिन मार्ग पर निरतर उड़ते धूल के गुब्बार और शिलान्यास का एक वर्ष गुजर जाने के उपरात भी बदहाली पर मार्ग आसू बहा रहा है। महज 2650 मीटर लंबे इस मार्ग निर्माण का श्रेय लेने के लिए राजनेताओं में होड़ मची है। इस कड़ी में जहा 14 जून 2013 को इनेलो प्रदेश के पूर्व मुख्य संसदीय सचिव की रहनुमाई में जोरदार प्रदर्शन कर चुकी है। वहीं समाज सेवी संगठनों के तेवर हमेशा तीखे रहे है। इस गर्माहट को शात करने के लिए रोहतक के सासद दीपेंद्र हुड्डा ने 25 अगस्त 2013 को सासद नवीन जिंदल और लोक निर्माण मंत्री रणदीप सुरजेवाला के साथ मार्ग का शिल्यान्यास किया था। उस दौरान नवरात्रो से पूर्व मार्ग का निर्माण करने के दावे किए गए थे। मार्ग निर्माण में हो रहे विलंब से कुरुक्षेत्र के सासद नवीन जिंदल लोक निर्माण व जन स्वास्थ्य विभाग से बेहद नाराज रहे। इस पर 10 अक्टूबर 2013 को सांसद जिन्दल को लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि दीवाली के मौके पर सड़क का निर्माण शुरू हो जाएगा। लेकिन दो-तीन दिन बाद ही जन स्वास्थ्य विभाग ने समानांतर पाइपलाइन और मैनहोल का काम शुरू करा दिया। इससे जनता को सड़क निर्माण में देरी का अंदेशा होने लगा। इन्हीं आशंकाओं के निराकरण के लिए सांसद जिन्दल ने पुन: जन स्वास्थ्य विभाग और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से बात कर काम में तेजी लाने को कहा है। अधिकारियों ने सांसद को भरोसा दिलाया है कि वे हर हाल में 8 नवंबर तक अपना काम खत्म कर देंगे। इसी तरह लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि जन स्वास्थ्य विभाग का काम खत्म होने के एक सप्ताह के अंदर सड़क निर्माण का काम शुरू करा दिया जाएगा। इस तरह दीवाली, होली और नव वर्ष यूं ही गुजर गया। लेकिन सड़क की हालत सुधरने की बजाए बिगड़ती ही जा रही है। कलायत लिंक रोड को रेलवे रोड भी कहते है। यह रोड नेशनल हाईवे से शहर व रेलवे स्टेशन को जोड़ती है।
कब बनेगी टिकाऊ सड़क?
करीब 2650 मीटर लंबी कलायत लिंक रोड के निर्माण के लिए सरकार ने 4 करोड़ 38 लाख 27 हजार 270 रुपये की स्वीकृति की थी। इसके तहत कलायत की लाइफ लाइन सड़क पर इस बार शुरू में 200 मीटर तक डिवाइडर रहेगा और आगे 10 मीटर चौड़ी सड़क तैयार की जाएगी। लेवलिंग के बाद सड़क पर 75 एमएम तक पत्थर के चार लेयर डाले जाएंगे। अंत में 50 एमएम और 20 एमएम की कोलतार की दो परतें डाली जाएंगी, जिससे यह लंबे समय तक सुंदर और टिकाऊ बनी रह सके। इसमें नाले व अन्य बची हुई जगह को पेवर ब्लॉक से भरा जाना है।