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अब अनाज मंडियों में नहीं लगेगा जाम

By Edited By: Published: Sat, 19 Apr 2014 01:00 AM (IST)Updated: Sat, 19 Apr 2014 01:00 AM (IST)

नरेश पंवार, कैथल : आखिरकार दैनिक जागरण की मुहिम रंग लाई और बरसात से खराब हो रहे करोड़ों रुपये के पीले सोने को लेकर अधिकारियों की नींद टूटी। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने शुक्रवार को बैठक का आयोजन कर अनाज मंडी व खरीद केंद्रों से गेहूं लदान को लेकर ठोस रणनीति बनाते हुए उसे अमलीजामा पहनाने का काम किया है। खास बात यह भी रही है कि नीति को शुक्रवार को ही लागू कर दिया गया। इसके तहत अब अनाज मंडी व खरीद केंद्रों पर ट्रैक्टर ट्रॉली चालकों को उठान की स्वीकृति दे दी गई। यह स्वीकृति विशेष शर्त और नियम के अनुसार दी गई।

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गौरतलब है कि जिले की अनाज मंडियों व खरीद केंद्रों में करीब पांच लाख गेहूं के कट्टे खुले आसमान के नीचे पड़े थे। बृहस्पतिवार को हुई बरसात के कारण प्रशासन के सभी खरीद प्रबंधों की पोल खुल गई और करोड़ों का पीला सोना बरसात से भीग गया। इस बारे दैनिक जागरण ने इसे प्रमुखता से उठाया था। समाचार पर कड़ा संज्ञान लेते हुए एसडीएम एवं अनाज मंडी के नोडल अधिकारी नरहरि सिंह बांगड़ ने सभी खरीद एजेंसियों के अधिकारियों, मार्केट कमेटी सचिवों, आढ़तियों और ठेकेदारों की बैठक ली। बैठक में गंभीर मंथन के बाद मंडी व खरीद केंद्रों में आ रही उठान की समस्या से निपटने के लिए ट्रैक्टर-ट्राली को चलाने पर सहमति का निर्णय लिया। इसके तहत शुक्रवार को ही 150 ट्रैक्टर-ट्रालियों को आरटीए से परमिट लेते हुए ट्रैक्टर-ट्रालियों को चालू करवा दिया गया।

रिश्वत देने से भी मिलेगी मुक्ति

अनाज मंडी व खरीद केंद्रों में ट्रैक्टर ट्राली शुरू होने से आढ़तियों को आ रही रिश्वत की समस्या से भी पीछा छुटेगा। इसके साथ ही अनाज मंडी में जाम की स्थिति नहीं बनेगी। यही नहीं तुरंत उठान होने से किसानों को भी अपना पीला सोना अनाज मंडी के बाहर नहीं डालना पड़ेगा।

एक साथ कई प्वाइंटों पर होगा अनलोड का कार्य

बैठक में एसडीएम और मार्केट कमेटी सचिव रविंद्र सैनी व खरीद एजेंसी अधिकारियों ने अनलोड की समस्या से निपटने के लिए एक ही समय में कई प्वाइंट शुरू करने का निर्णय लिया। इससे ट्रक शीघ्र अनलोड होंगे जिससे उठान के कार्य में तेजी आएगी।

मजदूरों के भी चेहरे खिले

मंडी में ट्रैक्टर-ट्राली शुरू होने से ट्रैक्टर-ट्राली चालकों के साथ-साथ मजदूरों के भी चेहरे खिल गए हैं। इससे जहां मजदूरों को अतिरिक्त काम मिलेगा वहीं उठान में तेजी आने से मजदूरों को अच्छी मजदूरी भी मिल सकेगी।


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