भाकियू ने की बरसात से प्रभावित गेहूं पर बोनस देने की मांग
संवाद सहयोगी, पाई : दो दिनों हो रही बरसात से किसानों की गेहूं क्षेत्र की मंडियों व खेतों में बर्बाद हो गई है। इसको लेकर किसानों ने प्रदेश सरकार से खेतों में बर्बाद हुई फसल का मुआवजा तथा मंडियों में आई फसल पर बोनस देने की माग की है। भारतीय किसान यूनियन के सलाहकार अजीत सिंह हाबड़ी, किसान रामकुमार, जगदीश, राजा भाणा, सुखदेव, चमेला आदि किसानों ने बताया कि वे अपनी फसल मंडियों में डाली हुई थी। बृहस्पतिवार को हुई बरसात से उनकी फसल भीग गई। इसके बाद आज सुबह फिर से उनकी फसल भीग गई और खराब होने की स्थिति में आ गई है।
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं जो मंडिया कच्ची है उसमें स्थिति ओर भी अधिक खराब है। गेहूं की फसल का दाना गीला होने के बाद काला पड़ जाता है। जिसको सरकार लेने में आना कानी करती है। उन्होंने माग की है कि मंडियों में किसानों की स्थिति बदतर होने के कारण किसानों को उनकी गेहूं की फसल पर लगभग 200 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिया जाएं। उधर उक्त किसानों के साथ-साथ चन्दाना गाव के सत्यवान, राजेश, बीरबल आदि ने बताया कि गत दिवस वर्षा के साथ ओले पड़ने से खेतों में खड़ी फसल गिर पड़ी और फसल में पानी होने के कारण खड़ी फसल बर्बाद हो गई। उन्होंने बताया कि पिछले दो दिन से ही नहीं अपितु कई दिनों से रुक रुक कर हो रही बरसात और मौसम में अधिक नमी होने के कारण अब की बार उनकी फसल का उत्पादन नाममात्र ही है और किसानों को लाखों रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है। जिससे किसान कर्ज बंद हो गए है। अंत प्रदेश सरकार को चाहिए कि तत्काल गिरदावरी करवा कर किसानों को मुआवजा दिया जाएं और इसके साथ-साथ सरकार द्वारा बीमा नीति जो घोषित की गई थी उसके अनुसार प्रत्येक किसान को गाव के अनुसार नहीं अपितु नष्ट हुई प्रति एकड़ के हिसाब से बीमा दिया जाएं।