जिले भर में धूमधाम से मनाया श्री बालाजी जयंती समारोह
जागरण संवाददाता, कैथल:
संकट मोचन श्री बाला जी पावन धाम में श्री बाला जी जयंती समारोह का आयोजन किया गया। सुबह ही पावन भोग, संकीर्तन एवं पुष्प वर्षा के साथ बच्चों ने भक्ति मय नृत्य एवं झांकियां निकालकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। राजेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि श्री बाला जी महाराज के जन्मोत्सव की पावन बेला पर परम पूजनीय हंसराज जी की भक्ति प्रेरणा से धाम के मुख्य संचालक भूपेन्द्र जी के पावन सानिध्य में धूमधाम से मनाया गया।
समारोह में बाली जी के भक्त सपरिवार व अन्य भक्तजनों ने सोने चांदी से परिपूर्ण चोला एवं मन मोहक श्रृंगार के साक्षात दर्शन किए। पावन भोग के महाप्रसाद को ग्रहण करके अपने जीवन को धन्य व सफल बनाया। सोमवार को बाला जी महाराज एवं श्री राम जी के जयकारों के साथ शोभा यात्रा बाला जी पावन धाम से शुरू होकर गौशाला, पार्क रोड, पिहोवा चौक, महाराज अग्रसेन, शक्ति स्थल मार्ग से छात्रावास रोड, भगत सिंह चौक, मेन बाजार, गीता भवन मंदिर, कमेटी चौक होते हुए पावन धाम में संपन्न हुई।
संकीर्तन करते हुए भूपेन्द्र ने कहा कि संकट मोचन श्री बाला जी वह शक्ति है, जो सच्चे मन से याद करने पर हर इंसान के जीवन से संकट दूर करती है। इसलिए श्री बाला जी को संकट मोचन कहा जाता है। समारोह के उपरांत भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारे में हजारों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। समारोह में शहर के मौजिज लोगों ने शिरकत की और संकीर्तन से मंत्रमुग्ध हो गए। संकीर्तन में छोटे बच्चों ने हनुमान बजरंग बली, माता सीता, राम एवं लक्ष्मण का रूप बनाकर समारोह को राममय बना दिया।
कीर्तन का आयोजन
बलराज नगर श्री बाला जी मंदिर में कीर्तन भजन, हवन एवं भंडारे का आयोजन किया गया। भक्त रामफल गर्ग ने बताया कि सुबह ही हवन किया गया। उसके उपरांत मंदिर में कीर्तन एवं भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारे में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया और यज्ञ में आहुति डाली।
हवन एवं भंडारा लगाया
श्री प्राचीन अंजली टीला मंदिर पर महावीर जयंती पर हवन, भंडारा एवं रामायण का अखंड पाठ किया गया। मंदिर के पुजारी बाबू राम ने बताया कि सुबह ही हवन किया और रामायण का अखंड पाठ किया गया। हवन में शहरी के लोगों ने आहुति डाली और मंदिर में आयोजित रामायण अखंड पाठ में शामिल हुए।अखंड पाठ के बाद भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। उन्होंने बताया कि श्री प्राचीन अंजली का टीला पौराणिक है। पुराणों के अनुसार यहां पर हनुमान बजरंग बली की जन्म स्थली भी माना जाता है। इसलिए यहां पर दूर-दूर से हनुमान बजरंग बली के भक्त मंदिर में आते है और उनकी पूजा करते हैं। इस मौके पर मंदिर में हवन, भंडारे के अलावा रामायण का अखंड पाठ भी किया जाता है।
राम दरबार की स्थापना की
पूंडरी : हनुमान जयंती के मौके पर कस्बे में कई जगह हवन-यज्ञ कर भंडारों का आयोजन किया गया। पूंडरी स्थित हनुमान मंदिर व फतेहपुर के प्राचीन हनुमान मंदिर सहित कई गांवों में जयंती के मौके पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। फतेहपुर स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में हनुमान जयंती के मौके पर हवन-यज्ञ के साथ राम-दरबार की भी स्थापना की गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व विधायक दिनेश कौशिक ने शिरकत की व अपनी धर्मपत्नी सहित हवन-यज्ञ में आहुति डाली। मंदिर ट्रस्ट के भूपेंद्र वालिया ने बताया कि ट्रस्ट व पूरे गांव वालों के सहयोग से हाल ही में मंदिर का नवीनीकरण किया गया है। हनुमान जयंती के मौके पर यहां रामदरबार की स्थापना से सभी गांव वासियों पर राम भक्त हनुमान की कृपा बरसेगी।
पंडित रविदत शास्त्री के अनुसार चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान शिव के अंशावतार हनुमान जी का प्राकट्य हुआ था और इस बार हनुमान जयंती मंगलवार के दिन मंगल ग्रह के नक्षत्र चित्रा व बव करन तथा कन्या राशि के चंद्रमा में मनाया जाएगी। यह महासंयोग है और ऐसा महासंयोग चार वर्ष पहले आया था।
ढांड : हनुमान जयंती के उपलक्ष में कस्बे के सनातम धर्म मंदिर में हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। इसमें श्रद्धालुओं ने हवन यज्ञ में आहुति डाल कर अपने सुखमय जीवन की कामना की। इस अवसर पर मंदिर के पुजारी ने वीर हनुमान की महिमा का गुणगान किया और मंदिर में पहुची महिलाओं ने भी हनुमान की भक्ति से सरोबर गीतों के माध्यम से हनुमान की महिमा का गुणगान किया।
मूर्ति स्थापना की
हनुमान जयंती पर गाव डयोड खेडी के हनुमान मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति स्थापना की गई। पिछले क ई दिनों से मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए धर्मपाल शास्त्री सहित कई ब्रहामनें ने नियमित पूजा पाठ किया। मूर्ति स्थापना से पहले गाव में शोभा यात्रा भी निकाली गई। इसमें गाव की महिलाओं ने क लश उठाकर शोभा यात्रा में पूरे गाव की परिक्रमा की गई। शोभा यात्रा में भक्तों ने हनुमान जी के भावमय गीतों पर नृत्य भी किया। इसके साथ ही गाव में भंडारे का भी आयोजन किया गया।