सरकार व प्रशासन के पिट्ठू हैं समिति के कुछ सदस्य
जागरण संवाददाता, जींद : अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के निवर्तमान प्रधान वीरभान ढुल ने
जागरण संवाददाता, जींद : अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के निवर्तमान प्रधान वीरभान ढुल ने मंगलवार को अपने सहयोगियों के साथ जाट धर्मशाला में मी¨टग की। उन्होंने षडयंत्र के तहत जिला कार्यकारिणी को भंग कर उन्हें पद से हटाने के आरोप लगाए।
ढुल ने कहा कि अनियमितताओं को छुपाने के लिए कार्यकारिणी भंग की गई। अनुशासनहीनता तो समिति के हाईकमान के इशारे पर कुछ लोगों ने की और चंदे का पैसा जाट सेवा संघ ट्रस्ट के खाते में जमा करवा दिया।
गौरतलब है कि सोमवार को प्रदेश कार्यकारिणी ने चंदा विवाद को लेकर समिति के सदस्यों में चल रही खींचतान के चलते जिला कार्यकारिणी को भंग कर दिया था। प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्यों ने प्रधान वीरभान ढुल पर अनुशासनहीनता व संगठन के हित में काम नहीं करने और सरकार के इशारे पर संगठन को कमजोर करने के आरोप लगाए थे।
मंगलवार को जाट धर्मशाला में बैठक करते हुए वीरभान ढुल व उनके सहयोगियों ने दूसरे पक्ष के समिति कुछ लोगों पर सरकार व मंत्रियों के साथ गुप्त रूप से बात करने के आरोप लगाते हुए उन्हें प्रशासन का पिट्ठ बताया। उन्होंने कहा कि जिले का प्रधान कौन रहेगा, इसका फैसला जाट आरक्षण संघर्ष समिति नहीं, पूरा जाट समाज करेगा। 29 जून को खाप व तपों की पंचायत में इस मामले का दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। यह पंचायत 37 लाख 85 हजार 522 रुपये की बैंक में जमा राशि को लेकर होनी है, जिसमें यह फैसला लिया जाएगा कि यह पैसा समिति के पास रहेगा या किसी दूसरे कार्य में प्रयोग किया जाएगा। बैठक में होशियार ¨सह, डॉ. दलबीर, प्यारेलाल ¨जदल, पूर्व सरपंच मदन मलिक, बलवान ¨सह, चांदरूप मलिक, धूप¨सह, हरिकेश मोर, राजेंद्र बूरा, सुरजमल नैन, किताब ¨सह भनवाला, किताब ¨सह श्योकंद आदि मौजूद रहे।