जमीन नहीं मिली तो बदलेंगे धर्म
जागरण संवाददाता, जींद : पिछले पांच दिन से लघु सचिवालय में धरने पर बैठे हरिजन सहकारी समिि
जागरण संवाददाता, जींद : पिछले पांच दिन से लघु सचिवालय में धरने पर बैठे हरिजन सहकारी समिति डिडवाडा के सदस्यों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी जमीन वापस नहीं मिली तो वे जिला ही नहीं बल्कि प्रदेश से ही पलायन कर लेंगे। इसके अलावा वह धर्मातरण भी कर लेंगे।
उन्होंने कहा कि वे अपनी जमीन पर कब्जे के लिए प्रशासन से लेकर सरकार तक मिल चुके हैं, लेकिन उन्हें आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिल सका। अब उनके पास पलायन व धर्मातरण करने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है। वहीं इस मामले में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर धरना स्थल पर पहुंचे और उनका समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि धरने पर बैठे दलित समुदाय के लोगों को लीगल एड प्रदान कर उनकी पूरी मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि पलायन व धर्मातरण किसी समस्या का हल नहीं है। इन सभी की पूरी मदद की जाएगी।
सुनील कुमार, प्रेम, रोशन, सुबा, नरेश, सुनेहरा, जयनारा, शांति आदि ने कहा कि वे पांच दिन से धरने पर बैठे हैं, लेकिन प्रशासन ने आज तक सुनवाई नहीं की है। उन्होंने बताया कि कुछ भू माफियाओं ने 2010 से 2014 के बीच मिलीभगत कर 11 गांवों की 600 एकड़ भूमि अवैध रूप से हड़प ली, जिसमें उनके गांव की 51 एकड़ नजूल भूमि भी शामिल है, जिस पर अदालती रोक भी है।
पुलिस का रौब दिखाते
उन्होंने कहा कि उनके पक्ष में जो भी व्यक्ति या सामाजिक संगठन आया, उनको भी पुलिस व अदालती धौंस देकर प्रताड़ित किया। दिसंबर 2015 में मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया गया। उन्होंने न्याय के लिए आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।
मजबूरी में धरने पर बैठे
उन्होंने कहा कि लूट-पीटकर व बर्बाद होकर अब धरने पर बैठने को मजबूर हो गए हैं। हालात यह हैं कि न्याय नहीं मिला तो भू माफिया के भय से पलायन करना पड़ेगा। उन्होंने मांग की कि माफिया को उनकी जमीन से बेदखल किया जाए और उनकी जमीन पर उनका कब्जा बहाल कराकर सारे प्रकरण की सीबीआइ से जांच करवाई जाए।
कांग्रेस ने दिया समर्थन
धरनास्थल पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए अशोक तंवर ने कहा कि डिडवाडा गांव के दलितों की जमीन को जिन लोगों ने हड़पा है, उसके विरोध में कांग्रेस पार्टी इनका समर्थन करती है। इसके लिए हर स्तर पर आंदोलन के साथ कानूनी मदद भी करेंगे। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में इस मामले को उठाया जाएगा। यह केवल अभी एक गांव का मामला सामने आया है। प्रदेश में इस प्रकार के और भी मामले हैं। उन्होंने कहा कि करीब 600 एकड़ जमीन को भूमाफिया ने गरीबों की हड़प ली है। जमीन के हड़पने के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कांग्रेस पूरा साथ देगी।
सबके लिए खुले दरवाजे
पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर तंवर ने कहा कि कांग्रेस में सभी के लिए दरवाजे खुले हैं। उन्होंने कहा कि इनेलो की रैली फ्लॉप रैली साबित हुई है। वे सिरसा से आ रहे थे तो कही किसी मार्ग पर कोई भीड़ नजर नहीं आ रही थी।
क्या है न्यूजलैंड
संयुक्त पंजाब सरकार द्वारा पंजाब नजूल एक्ट के तहत अनेक गांवों में हरिजन सहकारी समितियां बनाकर नजूल भूमि गुजारने के लिए अलाट किया गया था ताकि वे स्वरोजगार से खेतीबाड़ी करके अपने परिवार के सदस्यों का पालन-पोषण कर सकें। सहकारी समितियों एवं उनके सदस्यों को यह जमीन बेचने का अधिकार नहीं है। फिर भी समितियों के कुछ सदस्यों ने गैर कानूनी रूप से भूमाफिया को जमीन बेच दी।
ये हैं प्रमुख मांगें
-हरियाणा सरकार नजूल भूमि को लेकर जिले के सारे प्रकरण की जांच सीबीआइ से करवाए ताकि भू माफिया का पर्दाफाश हो सके।
-भ्रष्टाचार व काला धन उजागर करने के लिए आयकर विभाग भारत सरकार को भी जांच सौंपी जाए ताकि यह मालूम हो कि माफियाओं के पास किन-किन स्त्रोतों से पैसा आया है।
-आवंटित भूमि भू माफिया से छुड़वाकर उन्हें काबिज किया जाए, क्योंकि उन्होंने किसी प्रकार का कोई इकरारनामा नहीं किया है और न ही करेंगे।
-भूमाफिया व उनके सहयोगियों के विरुद्ध अनुसूचित जाति, जनजाति एक्ट के तहत व धोखाधड़ी, जालसाजी, दबंगाई आदि मामलों में आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए जाएं।
-इसमें शामिल सरकारी कर्मचारियों पर भी कार्रवाई हो और उन्हें बदला जाए।
-सभी बैंकों को आदेश दे कि विवादित भूमि पर बैंक लोन न दे, जिसके लिए भूमाफिया सक्रिय है।