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स्वाइन फ्लू से दो की मौत, पांच केस मिले पॉजिटिव

जागरण संवाददाता, जींद : रोहतक के बाद जींद में स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है। अब तक इस बीमारी

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Sep 2017 11:35 PM (IST)Updated: Fri, 01 Sep 2017 11:35 PM (IST)
स्वाइन फ्लू से दो की मौत, पांच केस मिले पॉजिटिव
स्वाइन फ्लू से दो की मौत, पांच केस मिले पॉजिटिव

जागरण संवाददाता, जींद : रोहतक के बाद जींद में स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है। अब तक इस बीमारी की चपेट में आने से जिले में दो मौत हो चुकी है। बृहस्पतिवार को पिल्लूखेड़ा में स्वाइन फ्लू से एक व्यक्ति की मौत हो गई है, जबकि कुछ दिन पहले सफीदों रोड पर एक गर्भवती महिला की स्वाइन फ्लू से मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग ने पिल्लूखेड़ा निवासी मृतक को स्वाइन फ्लू का संदिग्ध केस बताते हुए कहा कि जब तक सरकारी लैब की रिपोर्ट नहीं मिल जाती है, तब तक स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि नहीं कर सकता।

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चिकित्सकों के अनुसार स्वाइन फ्लू वायरल बुखार है, जो वायरस से फैलता है। कई दिनों से प्रदेश में मौसम खराब चल रहा है। बूंदाबांदी और बारिश से तापमान में गिरावट आई है। बारिश से स्वाइन फ्लू का वायरस खतरनाक हो जाता है। नमी बढ़ने के साथ यह तेजी से फैलने लगता है। इसी कारण जिले में कई दिनों में स्वाइन फ्लू के केस बढ़े हैं। दो मरीजों की मौत और पांच केस पॉजिटिव मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। नागरिक अस्पताल में स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बना दिया गया है। स्वाइन फ्लू वार्ड में अभी तक कोई मरीज दाखिल नहीं किया गया है। पिछले दो सालों में स्वाइन फ्लू से जिले में पांच लोगों की मौत हो चुकी है और 12 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। जब सर्दी में बारिश से नमी बढ़ जाती है, दरअसल ऐसे मौसम में ही स्वाइन फ्लू तेजी में फैलता है। आमतौर पर स्वाइन फ्लू नवंबर में दस्तक देता है, लेकिन इस बार जल्दी दस्तक दे दी है।

क्या है स्वाइन फ्लू के लक्षण

-नाक का लगातार बहना और छींक आना।

-कफ, कोल्ड और लगातार खांसी रहना।

-मांसपेशियां में दर्द या अकड़न।

-सिर में भयानक दर्द।

-नींद न आना और ज्यादा थकान होना।

-दवा खाने पर भी बुखार का लगातार बढ़ना।

-गले में खरास का लगातार बढ़ते जाना।

स्वाइन फ्लू से बचाव

-इस बीमारी से बचने के लिए सबसे जरूरी साफ सफाई है। हाथ अच्छी तरह साफ रखना चाहिए।

-खांसते और छींकते समय रूमाल का प्रयोग करना चाहिए।

-अधिक भीड़भाड़ वाली जगह जाने से बचें। जाना जरूरी है, तो मास्क पहन कर जाएं।

-बाहर से आकर हाथों को साबुन से अच्छे से धोएं।

-जिन लोगों में स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं, उन्हें मास्क पहनना चाहिए और घर में रहना चाहिए।

-अपनी आंखें, नाक और मुंह को न छुएं।

-अपने नाक और मुंह को ढक कर रखें।

क्या न करें

-किसी से भी हाथ न मिलाएं। गले न मिलें अथवा अन्य संपर्क बढ़ाने वाले कार्य न करें।

-डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी दवाई अपनी मर्जी से न लें।

-खुले में न थूकें।

-किसी को लगता है कि उसे एच वन एन वन फ्लू है, तो नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।

-डॉक्टर की सलाह से घर पर ही रहें।

जिले में स्थिति नियंत्रण में है। अभी तक पांच स्वाइन फ्लू के केस आए हैं, जो सभी दिल्ली, अंबाला और जिले के बाहर रहते हैं। नागरिक अस्पताल में स्वाइन फ्लू का अलग से वार्ड बनाया गया है। लोगों को इसके लक्षण और बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग लोगों को जागरूक कर रहा है और दूसरे जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

डॉ. सतीश सुलेख, डिप्टी सीएमओ।

पिल्लूखेड़ा में जो मौत हुई है, उसको स्वाइन फ्लू था या नहीं, इसकी अभी पुष्टि नहीं कर सकते हैं। प्राइवेट लैब की रिपोर्ट मान्य नहीं है। मृतक के घर विभाग की टीम को जांच के लिए भेजा गया है। उसके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा की दृष्टि से रिपोर्ट ली जाएगी। अस्पताल में स्वाइन फ्लू और अन्य बीमारियों की पर्यापत दवाइयां हैं। स्वाइन फ्लू के पांचों केस स्टेबल हैं। उनके टच में आने वाले परिवार के सदस्यों का भी सर्वे किया गया है और सबकी रिपोर्ट सही पाई है।

डॉ. संजय दहिया, सिविल सर्जन।


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