अपने अस्तित्व के लिए भटक रहा 80 साल का बुजुर्ग टीकाराम
जागरण संवाददाता, जींद : समाज कल्याण विभाग ने एक अजीब कारनामा करते हुए एक जीवित बुजुर्ग को
जागरण संवाददाता, जींद : समाज कल्याण विभाग ने एक अजीब कारनामा करते हुए एक जीवित बुजुर्ग को मृत बताकर बुढ़ापा पेंशन रोक दी है। टीकाराम बैंक व सरकारी कार्यालयों में ये बताता फिर रहा है कि वह जीवित है, लेकिन कोई भी अधिकारी उनकी सुनने को तैयार नहीं है। विभाग द्वारा बुढ़ापा पेंशन सूची से उनका हटा देने की वजह से उसे फरवरी माह की पेंशन नहीं मिल पाई है।
हाडवा गांव में टीकाराम नाम के दो बुजुर्ग हैं। इनमें एक बुजुर्ग टीकाराम का निधन हो चुका है, जिनके पिता का नाम मायराम है। वहीं दूसरे बुजुर्ग के पिता का नाम शुकला है। विभाग द्वारा टीकाराम पुत्र मायराम की जगह टीकाराम पुत्र शुकला को रिकॉर्ड में मृत दिखाकर उसकी पेंशन रोक दी है। जबकि टीकाराम पुत्र शुकला की मौत नहीं है, वह अब भी जीवित है, इसके लिए विभाग में शपथ पत्र भी दे चुके हैं। इसके बावजूद कोई मानने को तैयार नहीं है। टीकाराम के पुत्र रोहताश ने बताया कि यह मामला केवल पेंशन का नहीं है, बल्कि सम्मान का है। उनके पिता की मानसिक हालत भी ठीक नहीं है, अब यह मामला होने के बाद उनकी परेशानी और बढ़ गई है।
एक नाम के दो बुजुर्ग हैं गांव में
हाडवा गांव के कार्यकारी सरपंच रघुवीर ने बताया कि गांव में टीकाराम नाम के दो बुजुर्ग हैं। एक बुजुर्ग जिनके पिता का नाम मायराम है, उनका कुछ महीने पहले निधन हो चुका है। वहीं टीकाराम पुत्र शुकला जीवित हैं। उनके परिजन इस मामले में मुझसे मिले थे, गलतफहमी की वजह से विभाग में गलत रिकॉर्ड चढ़ा दिया गया है।
वर्जन
अगर इस तरह का कोई मामला है, तो बुजुर्ग कार्यालय में आकर मिल सकता है। रिकॉर्ड की जांच करवाई जाएगी। जांच में सही पाया जाता है, तो बुजुर्ग को उसकी पेंशन दिलाई जाएगी।
सरोज, जिला समाज कल्याण विभाग अधिकारी, जींद।