आंधी में पलटे ट्रक, आशियाने उड़ाए, दिन में हो गई रात
जागरण संवाददाता, जींद : सोमवार दोपहर आई आंधी लोगों के लिए आफत बन गई। आंधी के कारण कई वाहन पलट गए तो
जागरण संवाददाता, जींद : सोमवार दोपहर आई आंधी लोगों के लिए आफत बन गई। आंधी के कारण कई वाहन पलट गए तो कई के आशियाने ही उड़ गए। इसके अलावा सड़कों पर पेड़, ट्रांसफार्मर तथा बिजली के खंभे व तार टूटकर गिर गए। कई वाहन तो भिड़ते-भिड़ते बचे। दिन में ही रात सा मौसम हो गया और लोगों ने घरों में लाइटें जलाकर काम करना पड़ा। वाहन चालकों को भी लाइटें जलाकर गंतव्य तक जाना पड़ा। बरसात व तूफान के चलते तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। तापमान चार से पांच डिग्री नीचे पहुंच गया। सोमवार को अधिकतम तापमान 38 डिग्री व न्यूनतम तापमान 26 डिग्री दर्ज किया गया।
बुआना गांव के कई घरों में आंधी के चलते मकानों की छत उड़ गई तो कहीं पर पूरा आशियाना ही ढेर हो गया। अन्य गांवों में भी इसी प्रकार से नुकसान हुआ है। बुआना गांव में एक दर्जन मकानों को नुकसान पहुंचा है। गनीमत यह रही कि मकानों में बैठे लोग बाल-बाल बच गए। बुआना गांव के सुंदर के मकान की छत तूफान के चलते पूरी तरह से उड़ गई। उस समय मकान में कोई नहीं होने के कारण बड़ा हादसा टल गया। इसके अलावा गांव के ही सतीश के मकान की छत तेज तूफान के कारण गिर गई। मकान के अंदर रखा सामान पूरी तरह से तहस-नहस हो गया। रामस्वरूप ने कहा कि उन्होंने बड़ी मुश्किल से मकान बनाया था। गांव में लगभग एक दर्जन के करीब मकानों की छत गिर गई है। इसके अलावा गांव के पप्पू, सुरेश सहित कई ग्रामीणों को भारी नुकसान हुआ है। सतीश ने बताया कि उसका पूरा मकान तेज तूफान से ध्वस्त हो गया। इसी प्रकार से निडानी गांव में भी सुभाष नामक व्यक्ति का मकान गिर गया। इसके अलावा रोहतक रोड पर गतौली गांव के कई वाहन पलट गए। इसके अलावा कई मकानों की छत उड़ गई। इससे लोगों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है।
जुलाना में मचाई तबाही
सड़कों पर खड़े काफी पेड़ों को गिर गए। वहीं गांव बराड़ खेड़ा में लगभग 35 के करीब लोगों के आशियानों को उजाड़ दिया है बताया जा रहा है कि घरों की छत गिर गई है। इसके अलावा बिजली के काफी पोल भी गिर चुके है जिस कारण बिजली गांव में पूरी तरह से ठप्प हो गई है। जींद रोहतक नेशनल हाईवे पर खड़े पेड़ गिरने से एक तरफ हाईवे बाधित हुआ है। इस कारण कई गांवों की बिजली सप्लाई ठप्प हो गई है। गांव बराड़ खेड़ा में मकानों की छते गिर गई है जिस कारण लोगों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा है। किनाना में लगाए गए पोली हाउस की छत उड़ गई है। इसके अलावा नेशनल हाईवे पर बने हुए ढाबों पर खड़े ट्रक भी पलट गए है और ट्रक को उठाने आई क्रेन भी आंधी के आगे टिक नहीं पाई और वह भी आंधी के झौके से पलट गई। गांव बराड़ खेड़ा निवासी रमेश, सुल्तान, बलवान, रणबीर, महेन्द्र ने बताया कि आंधी इतनी भयंकर थी कि कुछ ही पल में उनका आशियाना खंडहर में तबदील हो गया। गनीमत रही कि उस समय परिवार के लोग नीचे बैठे थे। वही शामलो कगांव में भी विनोद का घर गिर गया और स्कूल की दीवार गिर गई। गोसाई खेड़ा गांव में भी स्कूल व आंगनबाड़ी की दीवार गिर गई।
किसानों से चेहरे खिले
नरवाना : पिछले काफी दिनों से तापमान में वृद्धि होने से हर प्राणी व्याकुल नजर आ रहा था। जैसे-जैसे सूर्य देवता चढ़ता, वैसे-वैसे पारा में वृद्धि होती जली जाती थी, जिससे घरों से बाहर निकलना दूभर हो जाता था। दिनभर चलती लू से महिलाएं और बच्चे को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन सोमवार को हुई दिनभर बारिश से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली, वहीं मौसम सुहावना हो गया। बारिश होने से तापमान में गिरावट देखी गई। लोगों ने बारिश होने से चैन की सांस ली। बारिश होने से शहर की गलियों में पानी भर गया, जिससे राहगीरों को पैदल निकलना मुश्किल हो गया। शहर के लोगों को बारिश होने से जहां गर्मी से छुटकारा मिल गया, वहीं यह बारिश किसानों के लिए वरदान साबित हुई। कृषि विकास अधिकारी डॉ. रामेश्वर श्योकंद ने बताया कि कई दिन से तापमान 44 डिग्री के आसपास दर्ज किया गया था, जिससे कपास की फसल में पौधे अधिक तापमान से जल रहे थे।
रात जैसा हुआ नजारा
अलेवा : अलेवा क्षेत्र में सोमवार दोपहर को अचानक आए तेज अंधड़ व बारिश के चलते दिन में ही रात जैसा नजारा नजर आया।तेज अंधड़ के कारण सड़क किनारे खड़े वृक्ष टूटकर सड़क पर आ गिरे। वृक्षों के सड़क पर टूटकर गिरने से वाहनों को आवगमन पूरी तरह से बंद हो गया। हालांकि क्षेत्र में छुटमुट घटनाओं को छोड़कर किसी जान माल की सूचना नहीं है। तेज बारिश व अंधड़ से जहां दिल्लूवाला गांव में एक मकान की कई कड़ी टूटकर नीचे गिर गई। गनीमत यह रही की उस समय मकान में कोई नहीं था। अन्यथा जान माल का नुकसान होने में देर नहीं लगती।
दुकानदारों द्वारा लगाए छप्पर टूटे
अचानक आए तेज अंधड़ ने दुकानदारों द्वारा दुकानों के आगे लगाए छप्पर पूरी तरह से तहस-नहस कर डाले। छप्पर हवा के तेज झोंके कारण दूर-दूर तक बिखर गए और दुकानदारों को कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा। वहीं तेज अंधड़ के चलते बिजली के पोल टूटकर बिखकर गए और बिजली आपूर्ति पूर्ण रूप से बाधित हो गई है।