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तंग गलियां बनी बनी व्यापारियों व खरीददारों की परेशानी का सबब

जागरण संवाददाता, जींद : तांगा चौक मार्केट शहर की प्राचीन मार्केट में से एक है तथा रजवाड़ों के समय

By Edited By: Published: Wed, 25 Nov 2015 07:36 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2015 07:36 PM (IST)

जागरण संवाददाता, जींद :

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तांगा चौक मार्केट शहर की प्राचीन मार्केट में से एक है तथा रजवाड़ों के समय से इसे तांगा चौक के नाम से जाना जाता है। कभी यहां से विभिन्न स्थानों के लिए तांगे सवारी भरते थे। स्थान का नाम तो आज भी वहीं है, परंतु परिस्थितियां बिल्कुल बदल चुकी है। इक्का-दुक्का दुकानों से अपना सफर शुरू करने वाला यह स्थान आज शहर के प्रमुख बाजारों में जाना जाता है। भीड़भाड़ वाली इस मार्केट में कपड़े, फैंशन व क्रोकरी की दुकानों की ही अधिकता हैं, परंतु अन्य प्रकार की भी इक्का-दुक्का दुकानों यहां देखने को मिल सकती हैं। कपड़े व फैशन से संबंधित महिलाओं, बच्चों व युवाओं के लिए अलग-अलग दुकानें बनी हुई हैं। कानूनगो मोहल्ला, कादियान मोहल्ला, बख्शी मोहल्ला इत्यादि मोहल्लों से जुड़ा हुआ है। जिससे खरीददारों के साथ-साथ मोहल्लावासियों को भी यहां से दिन भर आवागमन लगा रहता है। तांगा बाजार व आसपास के बाजारों की गलियां इतनी तंग हैं कि एक गली में आमने-सामने से दो दुपहिया वाहनों के आने पर एक ¨सगल इंसान के गुजरने का भी रास्ता नहीं बच पाता। ऐसे में यदि कोई बाजार में दुपहिया वाहन खड़ा कर किसी काम के लिए निकल जाए तो फिर यहां जाम जैसी स्थिति बनी रहती है। यहीं कारण है कि सुबह, शाम व दोपहर यहां हर समय जाम जैसी ही स्थिति बनी रहती है। महिलाओं युवाओं की जरूरत का अधिक सामान होने के कारण यहां महिला खरीददारों की संख्या ही अधिक रहती है। बाजार या आसपास कोई पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण वाहन चालक तांगा चौंक पर दो गलियों के बीच खाली पड़े चौक पर ही वाहनों को खड़ा कर देते हैं। जबकि इसी चौक पर फड़ी लगाकर खुलों में बच्चों के कपड़े बचे जाते हैं। राहत की बात यह है कि यहां महिला एवं पुरुषों के लिए हाल ही में शौचालय का निर्माण किया गया है। हालांकि शौचालय के गेट के सामने फडी लगाकर कपड़ा बेचने वाले दुकानदारों का ही कब्जा रहता है। बाजार परिक्रमा के दौरान मार्केट एसोसिएशन पदाधिकारियों व दुकानदारों ने कुछ इस प्रकार से अपने विचारों को दैनिक जागरण के साथ सांझा किया।

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साड़ी मार्केट के प्रधान बलवंत कथुरिया ने कहा कि इस मार्केट में वाहन पार्किग के लिए स्थान नही होने के कारण व्यापारियों व ग्राहकों को भारी समस्या का सामना करना पड़ता है। दुकानों के आगे वाहन खड़े करने पड़ते है। जिससे आवागमन का रास्ता भी बंद हो जाता है।

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समाजसेवी सुनील वशिष्ट ने कहा कि पूरी मार्केट में दुकानदारों व ग्राहकों के लिए वाहन खड़ा करने की कोई व्यवस्था नहीं है। जिस कारण सड़क पर ही वाहनों को खड़ा करना पड़ता है। सड़क पर वाहन खड़े होने के कारण दुकानदारों व ग्राहकों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

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व्यापारी हंसराज ने कहा कि शहर के प्रमुख बाजारों में शामिल होने के बावजूद यहां वर्षों से यह समस्या बनी हुई है। पार्किंग की व्यवस्था के लिए प्रशासन को अवगत कराया गया है। भीड़ से निपटने के लिए प्रशासन ने कोई भी सुविधा मुहैया नही करवाई।

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व्यापारी विक्की ने कहा कि इस बाजार में भीड़ अधिक होने के कारण खरीददारों के लिए बाजार में खरीददारी करना मुश्किल रहता है। इस भीड़ के कारण महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी रहती है।

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व्यापारी सुरेन्द्र ने कहा कि यह शहर का सबसे पुराना रोड़ है, यहां पर वाहनों के लिए पार्किंग नही होने से सभी दुकानदार व खरीदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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व्यापारी नीरज मोहन ने कहा कि बाजार में खरीददारी करने के लिए ज्यादातर औरतों को आना होता है, इस भीड़ के कारण महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है

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व्यापारी महेन्द्र ने कहा कि इस बाजार की गलियां तगं होने के कारण लोगों को यहां से निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। साथ ही बाजार में आने वाली खरीददारों को अपनी व्हीकल पार्क करने के लिए जगह के अभाव के कारण बीच सड़क पर दुकानों के सामने खड़े करने पड़ते है। पार्किंग नहीं होने के कारण बाजार में जगह-जगह वाहन खड़े मिलने से आवागमन में दिक्कत होती है।

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दुकानदार खरैंतीराम ने कहा कि बाजार में भीड़-होना आम बात है लेकिन इस भीड़ से छुटकारा दिलाने के लिए प्रशासन कोई कदम नही उठा रहा। प्रशासन को चाहिए कि बाजार में होने वाली समस्याओं को व्यापारी संगठनों से मिलकर समाधान किया जाए।

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व्यापारी हरबंस रल्हण ने कहा कि बाजार में खरीददारों की भीड़ होना अच्छी बात है लेकिन प्रशासन को वाहनों के बाजार में प्रवेश पर रोक लगाकर इनके लिए बाजार से बाहर पार्किंग की व्यवस्था करनी चाहिए।


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