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गुंजन बेस्ट ¨प्रसिपल अवार्ड से सम्मानित

जागरण संवाददाता, जींद : शिक्षा के क्षेत्र में जींद की बेटी ने एक नया आयाम हासिल किया है। शैक्षणिक तथ

By Edited By: Published: Thu, 30 Jul 2015 12:21 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2015 12:21 AM (IST)
गुंजन बेस्ट ¨प्रसिपल अवार्ड से सम्मानित

जागरण संवाददाता, जींद : शिक्षा के क्षेत्र में जींद की बेटी ने एक नया आयाम हासिल किया है। शैक्षणिक तथा शिक्षण गतिविधियों में प्रबंधन को देखते हुए सफीदों गेट निवासी तथा हिसार में विवाहित गुंजन गोयल को इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड मैनेजमेंट संस्था की ओर से बेस्ट ¨प्रसिपल अवार्ड से सम्मानित किया गया है। गुंजन गोयल की इस उपलब्धि पर दिन भर उनके घर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा।

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गोयल ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने पिता दीन दयाल व माता अंजना मित्तल को दिया है। अंजना मित्तल ने बताया कि उसने बीएससी तक की पढ़ाई राजकीय महाविद्यालय से की थी। इसके बाद बीएड, एमएससी, एमसीए, एमफिल, एमटेक तक की पढ़ाई एमडीयू से की। इस दौरान उनकी शादी हिसार में हो गई, लेकिन अध्यापन के प्रति जज्बा ऐसा था कि उन्होंने पांच साल तक अध्यापक पद पर रहते हुए प्रबंधन के गुर भी सीखे। शिक्षण प्रबंधन के लिए ही उसे बेस्ट ¨प्रसिपल अवार्ड फॉर द बेस्ट आउटस्टैं¨डग फील्ड आफ एजूकेशन के लिए सम्मानित किया गया। गुंजन गोयल ने बताया कि शुरू से ही उसके माता-पिता ने उनकी पढ़ाई का विशेष ध्यान रखा। उसने जितना पढ़ाना चाहा उनके परिजनों ने उतना ही उनका साथ दिया। उन्हीं के आशीर्वाद से वो आज इस मुकाम तक पहुंची हैं। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व भारत विकास परिषद वीर शाखा द्वारा आदर्श प्राचार्य अवार्ड, सिल्वर जोन ओलंपियाड द्वारा उत्कृष्ट पुरस्कार, छात्र विकास संघ ओरंगाबाद द्वारा श्रेष्ठ प्रधानाचार्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। उनका प्रयास है कि स्कूल आने वाला प्रत्येक बच्चा शिक्षा के उच्चतम मुकाम को हासिल करे। इसके साथ ही उसे उच्चतम संस्कार भी मिले। उन्होंने बताया कि शिक्षा के क्षेत्र को उन्नत बनाने के लिए नई-नई तकनीकों को जानकारी होना आज के समय बेहद जरूरी हो गया है। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए एक शिक्षक को सुलझी हुई सोच का होना आवश्यक है। एक गुरु को इतना प्रखर होना चाहिए कि बच्चे के अंदर छिपी प्रतिभा को पहचान कर उसको विकसित कर सके। ये जरूरी नहीं है कि प्रत्येक विद्यार्थी शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल आए। प्रत्येक विद्यार्थी के अंदर कोई न कोई प्रतिभा छिपी होती है, उसकी पहचान कर उन्नत बनाना ही सर्वश्रेष्ठ शिक्षक की पहचान होती है।


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