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महिलाओं ने जड़ा जलघर घर पर ताला

संवाद सूत्र, उचाना : उचाना कलां गांव के वार्ड नंबर 11 में बीते पांच दिनों से पीने के पानी की सप्लाई

By Edited By: Published: Thu, 30 Jul 2015 12:19 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2015 12:19 AM (IST)
महिलाओं ने जड़ा जलघर घर पर ताला

संवाद सूत्र, उचाना : उचाना कलां गांव के वार्ड नंबर 11 में बीते पांच दिनों से पीने के पानी की सप्लाई नहीं आने से गुस्साई महिलाओं ने राजकीय स्कूल के पास स्थित जलघर के गेट पर ताला जड़ दिया। पीने के पानी की सप्लाई नहीं आने पर विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर गुस्सा प्रकट किया।

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महिलाओं ने बृहस्पतिवार को पानी की सप्लाई नहीं आने पर जलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग कार्यालय में अनिश्चितकालीन धरना देने के साथ-साथ मटका फोड़ प्रदर्शन करने की चेतावनी दी। संतोष, राजो, मुन्नी, फूल्ली, मूर्ति ने कहा कि बीते पांच दिनों से नलों में पानी नहीं आ रहा है। आस-पड़ोस के मुहल्ले से हैंडपंप से पीने का पानी लेकर आना पड़ रहा है। गर्मी के मौसम में पानी की खपत बढ़ रही है, लेकिन सप्लाई नहीं आ रही है। कई बार जलघर जाकर इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन पानी की सप्लाई नहीं आ रही है। बृहस्पतिवार को पानी की सप्लाई आने का इंतजार किया जाएगा। पानी की सप्लाई नहीं आने पर विभाग के दफ्तर पहुंच कर अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा।

गंदे पानी की भी समस्यां

महिलाओं ने कहा कि पानी की सप्लाई में गंदा पानी आने की समस्या भी कई सालों से हो रही है। कई बार इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समाधान नहीं हो रहा है। विभाग के टोल फ्री नंबर पर भी कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन गंदे पानी की सप्लाई की समस्या गांव में आज भी है। कई बार तो सप्लाई में जो पानी आता है, वह इतना गंदा होता है कि उससे कपड़े भी नहीं धोएं जा सकते हैं। पानी के अंदर कीड़े-मकोड़े आते हैं। कई बार तो पानी पीने से उल्टी-दस्त भी लग चुके हैं।

बिजली की वजह से आ रही दिक्कत

जलापूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के एसडीओ ईश्वर ¨सह ने बताया कि कई दिनों से बिजली नहीं आने से पीने के पानी की समस्या बनी हुई है। कई बार बिजली सप्लाई को लेकर बिजली निगम के एसडीओ से बात कर चुके हैं लेकिन समस्या ज्यों की त्यों है। हाट लाइन के लिए एक साल पहले एक करोड़ 43 लाख रुपये जमा करवा चुके हैं, लेकिन अभी तक हाट लाइन की सुविधा नहीं दी गई है। इसको लेकर कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई अब तक अमल नहीं नहीं लाई गई।


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