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पानी की व्यवस्था की मांग पर बंद कर दिये टायलेट

जागरण संवाददाता, जींद आपको अगर दिल्ली कुरुक्षेत्र के लिए चलने वाली डीजल इलेक्ट्रीक मल्टीपल यूनिट

By Edited By: Published: Thu, 30 Jul 2015 12:18 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2015 12:18 AM (IST)

जागरण संवाददाता, जींद

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आपको अगर दिल्ली कुरुक्षेत्र के लिए चलने वाली डीजल इलेक्ट्रीक मल्टीपल यूनिट (डीईएमयु) ट्रेन से सफर कर रहे हो तो जरा संभलकर, हो सकता है कि आप ट्रेन में शौच करने लिए जाए तो आपको ट्रेन की शौचालय बंद मिले। यदि आप परिवार के साथ सफर कर रह हो और भी अधिक सतर्क रहने की जरूरत है, जी हां ट्रेन लगी आठ बोगियों में दो-दो टायलेट बनी हुई हैं, परंतु को वे¨ल्डग कर स्थाई रूप से बंद किया हुआ है। ट्रेन के दैनिक यात्रियों की माने तो पिछले करीब तीन माह से यह समस्या बनी हुई है तथा यह मामला कई बार अधिकारियों के सामने उठाया भी जा चुका हैं, परंतु कोई समाधान नहीं हो रहा है। एक तरफ रेल मंत्री व रेलवे ट्रेन यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ाने के दाव कर रहा है तो दूसरी तरफ टायलेट को स्थाई बंद कर यात्रियों को पहले से दी जा रही सुविधाओं पर कैंची चलाई जा रही है। इतना ही नहीं खुद विभागीय कर्मचारियों को तीन माह से बंद पड़ी टायलेट के कारणों की पुख्ता जानकारी नहीं है। इसके लिए कोई टायलेट में पानी की सप्लाई ठप होना बता रहा है तो कोई अधिकारियों की मनमानी का परिणाम। कारण चाहे जो भी हो, परंतु डीईएमयु में रेवले की स व्यवस्था ने यात्रियों की परेशानी अवश्य बढ़ा दी है। रेवले की इस व्यवस्था से जानकार यात्री तो परिवार के साथ डीईएमयु में सफर करने से तौबा करने लगे हैं। रेलवे की मनमानी केवल यात्रियों पर ही भारी पड़ रही हो, ऐसा भी नहीं, ट्रेन में लंबी यात्रा करने से यात्रियों के कदम उल्टे खींचने से रेलवे का आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है।

बाक्सजानकारी के

अनुसार करीब एक साल पहले यह ट्रेन शुरू की गई थी तथा तीन माह से ट्रेन की

टायलेट को बंद किया हुआ है। सूत्रों का कहना है कि ट्रेन के टायलेट में

पानी की व्यवस्था नहीं होने से टायलेट से आने वाली बदबू पर यात्रियों ने विरोध जताना शुरू कर दिया था। यात्रियों के विरोध के बाद रेलवे ने पानी की व्यवस्था करने की बजाय टायलेट को ही स्थाई रूप से बंद कर दिया।

बॉक्सएक दूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारीदेश में सत्ता बदलने के बाद भी यात्रियों के प्रति रेलवे अधिकारियों के रवैये में कोई बदलाव नहीं देखा जा रहा है। शायद यही कारण है कि रेलवे अधिकारी समस्या का समाधान करने की बजाय उसकी जिम्मेदारी एक दूसरे पर डालने में कोई संकोच नहीं करते। इस मामले में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। स्टेशन मास्टर ही नहीं, बल्कि डीआरएम स्तर के अधिकारी भी ऐसा करने में पीछे नहीं है। संपर्क करने पर दिल्ली डिविजन के डीआरएम अरुण अरोड़ा ने कहा कि यह मामला उनके अधीन नहीं है तथा सीनियर डीसीएम ही इस बारे में कुछ कर सकते हैं। संपर्क करने पर सीनियर डीसीएम ने भी अपने जूनियर की राह पकड़ते हुए सीनियर तकनीकी अधिकारी से संपर्क करने की सलाह दे डाली। सीनियर अधिकारियों के रवैये को देखकर रेल यात्रियों के लिए फिलहाल तो अच्छे दिन दूर की कोड़ी ही नजर आ रहे हैं।

डीईएमयू में टायलेट की सुविधा नहीं होती, फिर भी यदि टायलेट बंद है तो इस बारे में सीनियर अधिकारियों से संपर्क कर वास्तविकता का पता लगाने का प्रयास किया जाएगा। सीनियर अधिकारियों के दिशानिर्देशानुसार यात्रियों की सुविधा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।अनिल कुमार, स्टेशन अधीक्षक जींद।

बॉक्सक्या कहते हैं यात्री

नरवाना निवासी नंदलाल शर्मा ने कहा कि वह नियमित रूप से इस ट्रेन में सफर करता हैं तथा कई बार दिल्ली भी जाना पड़ता है। ट्रेन के टायलेट बंद होने से यात्रियों विशेषकर महिलाओं व बच्चों को काफी परेशानी होती है।

अर्बन एस्टेट जींद निवासी सुमन ने कहा कि पहले वह अक्सर इसी ट्रेन से आवागमन करती थी, परंतु टायलेट बंद होने के बाद इसकी बजाय दूसरी ट्रेन में सफर करने को प्राथमिकता देती हूं तथा मजबूरी में ही इस ट्रेन में सफर करती हूं। भले ही कुछ समय स्टेशन पर रुककर इंतजार क्यों न करना पड़े।


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