लोगों को सोच बदलने की जरूरत : श्योकंद
जागरण संवाददाता, जींद : जाट धर्मशाला में हरकोफैड पंचकुला द्वारा वार्षिक कार्य योजना के अनुसार विचा
जागरण संवाददाता, जींद :
जाट धर्मशाला में हरकोफैड पंचकुला द्वारा वार्षिक कार्य योजना के अनुसार विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि पूर्व आइएएस अधिकारी जयवंती श्योकंद ने कहा कि औरतों ने घाघरे पहले छोड़ दिए और सूट सलवार पहनने शुरू कर दिए। इसके लिए क्या सरकार ने कोई नया कानून बनाया था। यह बस सोच का फर्क है, सोच बदल गई और पहनावा बदल गया है। जब तक आपकी अपनी सोच नहीं बदलेगी, तब तक आप सशक्त नहीं हो सकती। जब एक लड़की घर का सारा काम कर सकती है तो लड़के क्यों नहीं कर सकते। लड़किया रोटी पकड़ना, कपड़े धोना, पशुओं का गोबर उठाना आदि काम करती है, जबकि लड़के यह काम करते हुए हिचकिचाते हैं। संगोष्ठी की अध्यक्षता सीसीएम रोहतक की प्राचार्या सुमन बल्हारा ने बताया कि आप सब अच्छा संतुलित आहार ले और अपना स्वास्थ्य अच्छा रखे तभी सशक्त हो सकती है। जाट कॉलेज के प्राचार्य सुभाष चंद्र लोहान ने बताया कि हमारा समाज तभी बदलेगा, जब सोच बदलेगी। आरक्षण व कानून से कोई लाभ नहीं मिल सकता, जब तक सोच नहीं बदलेगी। राजकीय कॉलेज की प्राध्यापिका डॉ. ज्योति श्योराण ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनने में आदमी बाधा नहीं है। बाधा तो ज्यादा औरत ही है, वे कभी सास है, कभी ननद है। सास अपनी बहू को बेटी कहती है, अगर उसको असल में बेटी माने तो समस्या की खत्म हो जाए और महिलाएं सशक्त हो जाए। इस मौके पर सहकारी शिक्षा अधिकारी हरकोफैड के पूर्व सहायक महेंद्र सिंह तथा सहकारी शिक्षा अधिकारी हिसार के सहायक महेंद्र सिंह घनघस मौजूद रहे।