Move to Jagran APP

संशोधित : औपचारिकताएं पूरी कर दामन बचा रहे अधिकारी

- गतौली के अलावा भंभेवा लेक व गांगोली में भी आते हैं प्रवासी पक्षी, नहीं लिये गए सैंपल रवि हसिजा,

By Edited By: Published: Mon, 22 Dec 2014 07:18 PM (IST)Updated: Mon, 22 Dec 2014 07:18 PM (IST)
संशोधित : औपचारिकताएं पूरी कर दामन बचा रहे अधिकारी

- गतौली के अलावा भंभेवा लेक व गांगोली में भी आते हैं प्रवासी पक्षी, नहीं लिये गए सैंपल

loksabha election banner

रवि हसिजा, जींद : गतौली गांव के शाबू वाला तालाब में 14 मृत प्रवासी बत्तख मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों अपने दौरे के दौरान औपचारिकताएं निभाते नजर आए। अधिकारियों ने विभागीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने के बजाय पूरा मामला ग्रामीणों पर थोंपते हुए अपने कर्तव्य की इतिश्री कर दी। यही नहीं पशुपालन विभाग व वन्य प्राणी विभाग को गांव में जीवित बचे बत्तखों के सैंपल लेना भी जरुरी नहीं समझा। इतना ही नहीं अन्य गांवों जैसे भंभेवा लेक व गांगोली आदि सहित अन्य गांवों में आने वाले साइबेरिया पक्षियों की भी सुध लेना भी आवश्यक नहीं समझा। एक तरफ जहां प्रदेशभर में इस मामले को लेकर सक्रियता दिखाई जा रही हैं, वहीं जींद में एक दर्जन से अधिक प्रवासी बत्तखों के मृत पाए जाने पर भी प्रशासिनक प्रशासनिक उदासनीता सवालों के घेरे में है।

गतौली में मृत बत्तख मिलने के बाद वहां बाकी बचे बत्तखों के कोई सैंपल नहीं लिए हैं ताकि उनमें भी किसी प्रकार के लक्षण आदि के बारे में पता चल सके। यहां की निगरानी भी केवल स्थानीय ग्रामीणों के हवाले कर दी गई है। अधिकारियों ने केवल अपने मोबाइल नंबर ग्रामीणों को देकर इतिश्री कर ली है। यही नहीं जिले के भंभेवा लेक व गांगोली गांव के तालाब पर भी हर साल दिसंबर माह में साइबेरियन पक्षी आते हैं। उसके बावजूद न तो पशुपालन विभाग और न ही वन्य प्राणी विभाग ने गांगोली व भंभेवा लेक पर जाकर स्थिति का जायजा लेने की जहमत उठाई है। यदि विभाग समय पर सैंपल ले लेगा तो जो आशंका बनी हुई है, वह भी दूर हो जाएगी।

बैठक में दिए दिशा-निर्देश

सघन पशुधन विकास परियोजना के उप निदेशक देवेंद्र शर्मा की अध्यक्षता में बर्ड फ्लू बीमारी के बारे में आवश्यक दिशा-निर्देश देने के लिए जिला के सभी पशु चिकित्सकों की एक बैठक का आयोजन किया गया। उन्होंने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि बर्ड फ्लू बीमारी का जींद जिला में कोई भी केस नहीं मिला है। ऐसे में आमजन को घबराने की जरूरत नहीं है। फिर भी उन्होंने आमजन से कुछ सावधानियां बरतने की अपील की है।

वर्जन

यदि किसी व्यक्ति को कोई प्रवासी पक्षी मृत मिले तो उसकी सूचना इलाके के संबंधित पशुपालन अधिकारी को जरूर दें। जिला के सभी मुर्गी पालकों को भी यह हिदायतें दी जाती है कि अपने मुर्गी फार्म के प्रवेश द्वारा पर चूने का प्रयोग करें। किसी भी कारण से मृत पक्षियों को निर्धारित तरीके से गड्ढे में दबाने से पहले संबंधित पशु चिकित्सक से जरूर निरीक्षण करवाएं तथा इस व्यवसाय से जुड़े सभी श्रमिकों को एक से दूसरे फार्म में कम से कम आना जाना चाहिए। मुर्गी फार्म तथा उसके आसपास के इलाके की सफाई का भी विशेष ध्यान रखें।

देवेंद्र शर्मा, उप निदेशक, सघन पशुधन विकास परियोजना

वर्जन

उनके विभाग व पशुपालन विभाग के वीएलडीए ने गांव का दौरा कर स्थिति की जानकारी ली है। वहां ऐसा कोई संदिग्ध मामला आज नहीं मिला। ग्रामीणों को कहा गया है कि कोई संदिग्ध मामला दिखे तो उन्हें तुरंत सूचना दें।

राजबीर मलिक, निरीक्षक, वन्य प्राणी विभाग, जींद


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.