बिना पैगार के कंप्यूटर प्रोफशनल
मोहन भारद्वाज, जींद कहते हैं कि घर परिवार चलाने के लिए काम करना जरूरी है। पर कभी-कभी काम करने पर भ
मोहन भारद्वाज, जींद
कहते हैं कि घर परिवार चलाने के लिए काम करना जरूरी है। पर कभी-कभी काम करने पर भी घर चलाना मुश्किल हो जाता है। कुछ ऐसा ही परिस्थिति प्रदेश के करीब तीन हजार कंप्यूटर को गुजरना पड़ रहा है। जो पिछले करीब छह माह का वेतन तीन निजी कंपनियां व सरकार के बीच फंसा हुआ है। कभी सरकार तो कभी कंपनियों के दर की खाक छाने के बाद भी वेतन के नाम पर कोरे आश्वासनों के सहारे उम्मीदों का दीप जलाए हुए हैं। ताज्जुब की बात तो यह है कि स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा लागू होने के बाद एक वर्ष से अधिक समय बीतने पर भी बच्चों को कंप्यूटर की पुस्तके नहीं मिल पाई हैं। भूपेंद्र ¨सह हुड्डा सरकार में मिली निराशा की उम्मीदें नई मनोहर लाल खट्टर सरकार में छंटने की उम्मीदों के साथ एक बार फिर सरकार के दर पर दस्तक देनी शुरू कर दी है, हालांकि यह तो वक्त ही बताएगा कि नई सरकार तीन हजार कंप्यूटर शिक्षकों की उम्मीदों पर कहां तक खरी उतरती है।
साढे 26 हजार देकर मिली नियुक्ति
प्रदेश सरकार के रूल 2012 के तहत योग्यता के प्रदेश सरकार ने तीन अधिकृत कंपनियों के साथ मिलकर विज्ञापन जारी किया। मोहली की सरकारी संस्था सीडीएसी ने लिखित परीक्षा ली तथा मैरिट के आधार पर क्वालीफाइ सूची जारी की। इसके बाद कंपनियों ने नियुक्ति का खेल शुरू किया तथा ज्वाइ¨नग लेटर देने से पहले सिक्योरिटी के नाम पर 24-24 हजार रुपये की वसूली गई। फिर स्टेशन देने से पहले ट्रे¨नग के नाम पर 2250-2250 रुपये वसूले गए। 12 हजार रुपये की जगह साढे़ 10 से 11 हजार रुपये वेतन दिया गया। खैर छोड़ो दिसंबर 2013 के बाद तो वह भी नहीं मिल पाया है।
आवाज उठाने पर मिली सजा
कंप्यूटर शिक्षक एसोसिएशन की माने तो शोषण करने पर कंपनी के खिलाफ आवाज उठाने वालें कंप्यूटर शिक्षकों को ट्रांसफर की सजा भुगतनी पड़ी। इतना ही नहीं मातृत्व अवकाश लेने वाली महिला शिक्षकों को तो नौकरी से ही हाथ धोना पड़ा।
कंप्यूटर शिक्षकों ने वेतन नहीं मिलने पर फरवरी 2014 में आमनरण अनशन कर मुखर आंदोलन की शुरूआत की। इसके बाद जून-जुलाई में दिल्ली से चंडीगढ़ तक पैदल यात्रा करने के बाद फिर से आमरण अनशन किया गया। कंप्यूटर शिक्षकों की मुख्य मागों में कंप्यूटर शिक्षकों के लिए पंजाब की तर्ज पर शिक्षक नीति बनाना, कंप्यूटर शिक्षकों की निजी कपंनियों की बजाय शिक्षा विभाग में समायोजित करना, ईएसआइ सहित अन्य मामलों की जांच कर कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करना, कपंनियों द्वारा वसूल की गई सिक्योरिटी राशि वापस करवाना आदि शामिल है।
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नई सरकार से उम्मीदें
प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद एसोसिएशन ने अपनी मांगों का ज्ञापन प्रदेश के शिक्षा मंत्री को सौंपा है। जिसमें कंप्यूटर शिक्षकों की लंबित मांगों को पूरा करने के साथ-साथ कंपनियों द्वारा ईएसआइ सहित अन्य मामलों में की गई अनियमितताओं की जांच की मांग की गई है। मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री ने मांगों को जायज मानते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
शमशेर नैन, प्रदेश प्रेस प्रवक्ता
कंप्यूटर एसोसिएशन, हरियाणा।
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मुझे नहीं पता, सरकार के पास भेजी गई हैं रिपोर्ट
रिपोर्ट तैयार कर सरकार के पास भेज जा चुकी है तथा मामला अंडर प्रोसश है। क्या चल रहा है क्या नहीं, इस बारे में फिलहाल मुझे कोई जानकारी नहीं है। मामला सरकार के पास विचाराधीन है तथा सरकार द्वारा ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। मै बारे में मै कुछ नहीं कह सकता।
एमएस सतीजा
कोआíडनेटर, उत्कृष्ट कंपनी।